सीकर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत मंगलवार को रैवासा धाम पहुंचे, जहां उन्होंने संत राघवाचार्य की प्रतिमा का अनावरण और वेद विद्यालय के नवीन भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने 9 दिवसीय 'श्री सियपिय मिलन समारोह' का उद्घाटन भी किया, जो संत राघवाचार्य की प्रथम पुण्यतिथि (30 अगस्त) को समर्पित है।
अपने संबोधन में भागवत ने कहा, 'यह शक्ति और भक्ति की भूमि है, यहां आकर मुझे राघवाचार्य महाराज की याद आ गई। उन्होंने जिस आत्मीयता से सभी को अपनाया, वह प्रेरणादायक है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि मेरी बुद्धि सदैव सही दिशा में चले।'
भागवत ने बताया कि उनका राघवाचार्य से रिश्ता उनके सरसंघचालक बनने के बाद बना। पहली मुलाकात को याद करते हुए उन्होंने कहा, "मुझे दो बातें स्पष्ट रूप से महसूस हुईं-उनका सबके प्रति स्नेह और आत्मीय दृष्टिकोण।" उन्होंने यह भी कहा कि अनेक संत संघ के कार्यक्रमों में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं होते, लेकिन विचारधारा के स्तर पर वे स्वयंसेवक हैं।
महंत राघवाचार्य का निधन लगभग 11 माह पूर्व हृदयाघात से हुआ था। उन्होंने राजस्थान में कई वेदाश्रमों की स्थापना की थी। रैवासा वेद विद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने वाले कई विद्यार्थी भारतीय सेना और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में सेवाएं दे रहे हैं। रैवासा धाम का ऐतिहासिक महत्व भी है। यही वह स्थान है जहां गोस्वामी तुलसीदास ने 'जानकीनाथ सहाय' काव्य की रचना की थी।
'श्री सियपिय मिलन समारोह' में भाग लेने के लिए देशभर से संतों और श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है। इस कार्यक्रम में योगगुरु बाबा रामदेव, बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री, श्रीगुरु शरणानंद जी महाराज और जगद्गुरु रामानंदाचार्य समेत कई प्रमुख संत भाग ले रहे हैं। कथावाचक पं. इंद्रेश उपाध्याय 12 से 18 अगस्त तक धर्मप्रवचन करेंगे।
समारोह के दौरान राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, सीकर एसपी प्रवीण नूनावत और जिला प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। स्थानीय लोगों में इस आयोजन को लेकर भारी उत्साह है। स्थानीय लोग रेवासा धाम को अपनी आस्था का केंद्र मानते हैं।
Updated on:
13 Aug 2025 06:27 am
Published on:
12 Aug 2025 02:38 pm