सीकर. मानसून की मेहरबानी से सीकर में हवा की गुणवत्ता सुधर गई है। शहर में एक माह से एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) लगातार 80 से नीचे बना हुआ है। पहले एक्यूआइ 150 से ज्यादा था, वहीं अब यह अच्छी गुणवत्ता की श्रेणी में आ गया है। पौधों की हरियाली बढ़ने से वातावरण में ऑक्सीजन का स्तर भी सुधरा है। इसका असर सीधे सांस और एलर्जी के मरीजों पर पड़ा है। कल्याण अस्पताल की ओपीडी करीब 30 प्रतिशत तक गिर गई है। चिकित्सकों के अनुसार वातावरण में नमी बढ़ने से धूल और सूक्ष्म कणों का प्रभाव कम हुआ है, इससे अस्थमा, एलर्जी और सीओपीडी मरीजों को राहत मिली है कल्याण अस्पताल में जून माह की शुरूआत में श्वसन रोग विभाग में रोज औसतन 200 से ज्यादा सांस संबंधी मरीज पहुंच रहे थे जो अब जुलाई के पहले पखवाड़े में यह संख्या घटकर सवा सौ तक पहुंच गई है। कमोबेश यही हाल अन्य अस्पतालों के है।
ऐसे समझें फायदा
वरिष्ठ श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रहलाद दायमा ने बताया कि धूलकण और प्रदूषणकारी तत्व कम होने से वातावरण में ताजगी और नमी बढ़ी है। जिसका नतीजा है कि पहले जिन लोगों को धूल और प्रदूषण से सांस लेने में तकलीफ होती थी, अब वे खुलकर सुबह-शाम टहल पा रहे हैं। लगातार बारिश से सड़कों की धूल बैठी, जिससे पीएम-10 और पीएम-2.5 कणों में गिरावट आई है। वहीं गर्मी और उमस के कारण होने वाली एलर्जी, दमा, आंखों में जलन के रोगी कम हुए हैं।
प्रदूषण की स्थिति
पांच जुलाई-39 एक्यूआइ
छह जुलाई-40 एक्यूआइ
सात जुलाई-62 एक्यूआइ
आठ जुलाई-53 एक्यूआइ
नौ जुलाई-58 एक्यूआइ
दस जुलाई-60 एक्यूआइ
11 जुलाई-49 एक्यूआइ
12 जुलाई-66 एक्यूआइ
13 जुलाई-68 एक्यूआइ
14 जुलाई- 50 एक्यूआइ
15 जुलाई-53 एक्यूआइ
16 जुलाई-64 एक्यूआइ
17 जुलाई-69 एक्यूआइ
बारिश के कारण कमी आई है...
बारिश के मौसम में हवा में नमी बढ़ जाती है। धूलकण नीचे बैठने के कारण एलर्जी के कारण होने वाली सांस की बीमारियां कम हुई है। ओपीडी में पहले की तुलना में मरीजों की संख्या में कमी आई है।
Updated on:
18 Jul 2025 12:06 pm
Published on:
18 Jul 2025 11:16 am