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28 करोड़ में बना लॉ कॉलेज भवन, दो कुलगुरु भी शुरू नहीं करवा पाए एलएलबी

- बीसीआई के निरीक्षण के लिए 14.50 लाख रुपए जमा करवाए हुए हैं लेकिन स्थाई शैक्षणिक स्टाफ नहीं होने से नहीं शुरू हुई एलएलबी - कुलगुरु प्रो. डॉ. अनिल कुमार राय ने पसंद के पत्रकारिता कोर्स के लिए सब संसाधन जुटाए, शैक्षणिक स्टाफ भी लाए

यादवेंद्रसिंह राठौड़

सीकर. पंडित दीनदयाल उपाध्याय, शेखावाटी विश्वविद्यालय, सीकर में पिछले दो साल पहले 28 करोड रुपए की लागत से लॉ कॉलेज का भवन तैयार करवाया गया था। यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से 2016 में 5 लाख और 2021 में बीसीआई के निरीक्षण के लिए 9 लाख रुपए जमा करवाए गए थे। वहीं 2016 में आवेदन फीस के 50 हजार रुपए भी जमा करवाए हुए हैं। पूर्व कुलगुरु प्रो. भगीरथसिंह बिजारणियां की ओर से यह भवन तैयार करवाया गया था लेकिन उन्होंने कॉलेज शुरू करने के लिए स्थायी स्टाफ भर्ती के साथ ही अन्य प्रयास नहीं किए। यही हाल वर्तमान कुलगुरु प्रो. डॉ. अनिल कुमार राय का है, करीब पौने दो साल के कार्यकाल में दो सत्रों में वे बीसीआई, नई दिल्ली से लॉ कॉलेज शुरू करने की स्वीकृति तक नहीं ले पाए हैं। मुख्य कारण यह है कि बिना स्थायी शैक्षणिक स्टाफ व अशैक्षणिक कार्मिकों के बीसीआई विधि महाविद्यालय की मान्यता नहीं देती है। जबकि लॉ कॉलेज के लिए दो साल पहले ही 28 करोड़ रुपए की लागत से भवन बनवा दिया गया था।

कुलगुरु लॉ कॉलेज चलाने की स्वीकृति नहीं ला पा रहे-

शेखावाटी विश्वविद्यालय, सीकर के पूर्व कुलुगु प्रो. भगीरथसिंह बिजारणियां और वर्तमान कुलगुरु सहित यूनिवर्सिटी प्रशासन बीसीआई, नई दिल्ली से लॉ कॉलेज चलाने की स्वीकृति नहीं ला पा रहे हैं। लॉ कॉलेज शुरू करने व स्नातक स्तर कार एलएलबी कोर्स संचालित करने के लिए स्थायी शैक्षणिक फेकल्टी चाहिए लेकिन इसके लिए भी कोई उचित प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। तत्कालीन कुलगुरु प्रो. भगीरथसिंह बिजारणियां ने 8 अक्टूबर 2021 को तत्कालीन राज्यपाल कलराज मिश्र से विधि भवन का शिलान्यास करवाया और तत्कालीन राज्यपाल मिश्र से ही 19 अक्टूबर 2023 को इसका लोकार्पण किया गया। लॉ कॉलेज भवन में करोड़ों रुपए का फर्नीचर, सीसीटीवी, स्मार्ट क्लासरूम व अन्य संसाधन भी लगे हुए हैं।

अन्य कार्यों के लिए डेपुटेशन पर लिया स्टाफ, लॉ कॉलेज पर ध्यान ही नहीं-

यूनिवर्सिटी प्रशासन लॉ कॉलेज को शुरू करने व बीसीसीआई से मान्यता लेने के लिए सजग नहीं है और ना ही बीसीसीआई के समक्ष मजबूत पैरवी की जा रही है। शेखावाटी विश्वविद्यालय, सीकर में कुलगुरु ने डिप्टी रजिस्ट्रार, संबद्धता अधिकारी, परीक्षा नियंत्रक सहित विभिन्न पदों पर आयुक्तलाय, कॉलेज शिक्षा से डेपुटेशन पर लेक्चरर नियुक्त करवा रखे हैं। लेकिन लॉ कॉलेज शुरू करने के लिए डेपुटेशन पर किसी भी प्रोफेसर या एसोसिएट प्रोफेसर को डेपुटेशन पर नहीं लगवाया जा रहा है। स्वयं कुलगुरु प्रो. डॉ. अनिल कुमार राय भी पिछले दो साल में लॉ कॉलेज को शुरू नहीं करवा पाए हैं। जबकि कुलगुरु का पसंदीदा पत्रकारिता के कोर्स को शुरू करने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से स्टूडियो, ऑडियो-विजुअल, रेडियो सेंटर सहित अन्य संसाधन व शैक्षणिक स्टाफ लगाया हुआ है।

दो साल से प्रयास कर रहे निरीक्षण नहीं कर रही बीसीआई-

हमने पिछले साल व इस साल भी बीसीआई की ओर से लॉ कॉलेज के निरीक्षण के लिए प्रयास किए हैं। लेकिन बीसीआई के निरीक्षण व मान्यता के हम एलएलबी शुरू नहीं कर सकते हैं। हां लॉ कॉलेज के लिए स्थाई फेकल्टी हमारे पास नहीं है। लॉ भवन में अन्य कोर्सेज की क्लासेज भी लगा रहे हैं।

प्रो. अनिल कुमार राय, कुलगुरु, पंडित दीनदयाल उपाध्या शेखावाटी विश्वविद्यालय, सीकर