संजीव जाट की रिपोर्ट
Heavy Rain And Flood Havoc :मध्य प्रदेश के अशोकनगर, शिवपुरी, गुना समेत आसपास के बड़े इलाके में बीते 72 घंटे से जारी बारिश का दौर गुरुवार को थोड़ा थम गया है। लेकिन, बारिश के चलते आई बाढ़ के हालात सामान्य होने के बाद जो तस्वीरें सामने आईं हैं, वो बेहद हैरान कर देने वाली हैं। यहां उफान पर आई सिंध नदी ने किस तरह तबाही मचाई है, इसका अंदाजा 96 घंटे बाद सिंध नदी का जल स्तर सामान्य होने के बाद लगा।
क्षेत्र में जारी भारी बारिश से 96 घंटे बाद सिंध नदी का रोद्र रूप सामान्य हुआ। लेकिन, जब जमीन दिखी तो शिवपुरी जिले के बदरवास से हैरान करने वाली तस्वीरें भी सामने आने लगीं। बता दें कि, ये वो इलाका है, जहां इस 72 घंटे की अवधि में सबसे अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई है। हालात ये देखे गए कि, सिंध नदी से सटे खेतों और गांवों में कहीं कहीं तो दस फीट तक जल भराव और बहाव देखने को मिला। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि, उस जमीन के अब हालात क्या होंगे, जिसने सिंध का ऐसा रोद्र रूप देखा होगा। फिलहाल, स्पष्ट आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। लेकिन, नदीं से सटे गांवों के लगभग 100 कच्चे मकान धतिग्रस्त हुए हैं। जबकि कई तो गायब ही हो गए हैं।
उफान पर रही सिंध नदी जलस्तर घटने पर जैसे जैसे अपने सामान्य रूप में आई तो उसकी एक हकीकत बदरवास से महज 3 किलोमीटर दूर सड़ घाट पर बने पुल पर भी दिखाई दी। बता दें कि, ये वही पुल है, जिसके करीब 5 फीट ऊपर से सिंध नदी का बहाव चल रहा था। आज सुबह जब पानी का बहाव पुल से नीचे पहुंचा तो पता चला कि, पुल की सड़क तक पह गई। यही नहीं, पुल पर जगह जगह दरारें भी आ गई हैं। पुल पर बनी रेलिंग भी बह गई है। यानी कुल मिलाकर पुल बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ है, जिसे समय रहते पर्याप्त तौर पर ठीक न किया गया तो इसका आगे और चल पाना संभव नहीं।
नदी के बहाव का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि, उससे सटे कई खेतों की फसलें तो दूर मिट्टी तक बह गई है। यहां तक की खेतों में भी बड़े और गहरे गड्ढे दिखाई दे रहे हैं, मानों कोई कुंड हों।
फिलहाल, पुल बुरी हालत में है और जगह जगह से क्षतिग्रस्त है। वहीं, सिंध नदी का जल स्तर भले ही कम हो गया है और पुल से नीचे जा चुका है। बावजूद इसके अब भी नदी का प्रवाह काफी तेज है। ऐसे में इस क्षतिग्रस्त पुल से गुजरना अपनी जान से खिलवाड़ करने के समान है। हैरानी की बात ये भी है कि, अबतक यहां प्रशासन न ही पहुंचा है और न ही लोगों को इस लापरवाही पूर्वक पुल से गुजरने से रोकने के निर्देश दिए हैं। एक जरा सी लापरवाही बड़े हादसे का कारण न बन जाए।
वहीं, दूसरी तरफ बाढ़ ने कई घरों की गृहस्थी तो नष्ट की ही है। साथ ही, तैयार खड़ी फसलें तक बर्बाद कर दी हैं। कई लोग ऐसे हैं, जिनके पास अब न तो रहने को घर है और न ही पहनने को कोई और कपड़े हैं। ऐसे में सैकड़ों पीड़ित सरकार की ओर आस लगाए बैठे हैं कि, जल्द से जल्द बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे किया जाए और संकट की इस घड़ी में उनकी प्रयाप्त सहायता की जाए।
Updated on:
31 Jul 2025 01:24 pm
Published on:
31 Jul 2025 01:23 pm