शिमला. हिमाचल प्रदेश में श्रवण एवं दृष्टिबाधित बच्चों को सुविधा प्रदान करने में 8.28 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित भवन मील का पत्थर साबित होगा। प्रदेश सरकार विशेष रूप से सक्षम बच्चों को समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने तथा शिक्षित और प्रशिक्षित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है और यह नवनिर्मित भवन इन बच्चों कोे एक उज्ज्वल एवं सुरक्षित भविष्य प्रदान करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को शिमला के ढली उप-नगर में विशेष रूप से सक्षम बच्चों के संस्थान के लिए 8.28 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया।
पांच मंजिला भवन में 32 आधुनिक सुविधाओं से युक्त और आवासीय कमरे हैं। भवन में कम्प्यूटर प्रयोगशाला, व्यावसायिक प्रशिक्षण कक्ष, संगीत कक्ष, पुस्तकालय, वर्कशॉप और अन्य सुविधाएं हैं। इसके अलावा 10 कमरे छात्रावास के लिए आवंटित किए हैं।
वर्तमान में संस्थान में 140 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिनमें 106 श्रवणबाधित और 34 दृष्टिबाधित हैं। छात्रों को पहली से 12वीं कक्षा तक निःशुल्क आवासीय सुविधा प्रदान की जा रही है। छात्रों को यहां हस्तशिल्प, बेकरी, कम्प्यूटर कौशल और बागवानी जैसे क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है, ताकि भविष्य में वे आत्मनिर्भर बन सकें।
दिवाली के दृष्टिगत राज्य सरकार के कर्मचारियों व पेंशनरों सहित विभिन्न बोर्डों और निगमों के कर्मचारियों को 28 अक्टूबर को वेतन और पेंशन जारी की जाएगी। यह निर्णय आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं, आउटसोर्स कर्मचारियों पर भी लागू होगा, ताकि वे दिवाली का त्योहार हर्षाेल्लास के साथ मना सकें।
सुक्खू ने कहा कि लगभग 20 माह कार्यकाल के दौरान प्रदेश सरकार ने 2600 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है। इसका 30 प्रतिशत सामाजिक क्षेत्र को आवंटित किया है। शेष ग्रामीण अर्थव्यवस्था और अन्य क्षेत्रों पर खर्च किया जा रहा है।प्रदेश सरकार विशेष रूप से सक्षम, अनाथ बच्चों, विधवाओं और 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकाें के कल्याण पर विशेष बल दे रही है। प्रदेश सरकार 18 वर्ष से अधिक की पात्र महिलाओं को 1500 रुपए मासिक आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। 27 वर्ष तक के विशेष रूप से सक्षम बच्चों के कल्याण के लिए अगले वित्त वर्ष में नई योजना आरम्भ की जाएगी। 70 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों की देखभाल के लिए आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे।
वर्तमान प्रदेश सरकार विशेष रूप से सक्षम बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली औपचारिक और व्यावसायिक शिक्षा प्रदान कर उनके उज्ज्वल भविष्य की नींव रखने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। जिला सोलन के कंडाघाट में 45 बीघा भूमि पर विशेष रूप से सक्षम बच्चों के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जा रहा है, जिसमें 300 बच्चों के रहने की सुविधा उपलब्ध होगी।
दिवाली उत्सव के लिए संस्थान के बच्चों को एक लाख रुपए, वाद्य यंत्रों की खरीद के लिए दो लाख रुपए तथा पेंटिंग भेंट करने वाले बच्चों को 10-10 हजार रुपए देने की सुक्खू ने घोषणा की।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा देकर उन्हें नई पहचान दी है। प्रदेश की बागडोर संभालने के उपरान्त मुख्यमंत्री ने पहला दौरा शिमला में टूटीकंडी स्थित बालिका आश्रम का किया तथा सरकार ने अनाथ बच्चों को सहारा देने के लिए एक योजना शुरू की। अनाथ बच्चों के कल्याण और देखभाल सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बना है।
Published on:
22 Oct 2024 12:51 am