UP News : पश्चिम बंगाल का रहने वाला इमामुद्दीन पिछले 15 साल से शामली के एक मंदिर में पुजारी बना हुआ था। 15 साल बाद यह राज खुला तो पता चला कि जिसे गांव वाले अभी तक हिंदू पुजारी मान रहे थे वो मूल रूप से पश्चिम बंगाल का रहने वाला है और उसका पूरा नाम इमामुद्दीन अंसारी नूर है। इसने गांव वालों का भरोसा जीता और फिर चंदा इकट्ठा करके गांव में एक मंदिर का निर्माण करा लिया। इसके बाद से यह इसी मंदिर में पुजारी बनकर रह रहा था।
आप सोच रहे होंगे कि 15 साल बाद ये राज कैसे खुला ? दरअसल पुजारी बने हुए इमामुद्दीन की बातों में कुछ ऐसे शब्द आए जिनसे गांव वालों को संदेह हुआ। इसी बीच पुजारी ने कहा कि उसे किसी से मिलने के लिए पश्चिम बंगाल जाना है। इस पर गांव वालों को लगा कि कुछ गड़बड़ है। इसी आधार पर ग्रामीणों ने पुलिस को शिकायत कर दी। जब खुफिया एजेंसी एलआइयू और आईबी ने जांच की तो पता चला कि खुद को पुजारी बताने वाला यह युवक पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। इसका पूरा नाम इमामुद्दीन अंसारी नूर निकलकर सामने आया। इस जांच में हुए हैरान कर देने वाले खुलासे के बाद पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस जांच में पता चला कि शामली के थाना भवन क्षेत्र के गांव मंटी हसनपुर के गांव प्रधान के खेत में पिछले करीब 15 साल से एक व्यक्ति रह रहा है। इसने खेत में एक धार्मिक स्थान का निर्माण करा रखा है और वहीं पर पुजारी बनकर रह रहा है। आधार कार्ड पर इसका नाम बंगाली नाथ केयर ऑफ कमलनाथ निवासी शाकम्भरी रोड लक्ष्मी नारायण मंदिर सहारनपुर लिखा हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब दो साल पहले पुजारी पश्चिम बंगाल गया था। इसके बाद ग्रामीणों को शक हुआ और उन्होंने इसकी शिकायत करते हुए गोपनीय जांच कराए जाने की मांग की।
Updated on:
04 Aug 2025 07:12 am
Published on:
04 Aug 2025 07:11 am