सवाईमाधोपुर। पिछले दो दिनों की लगातार मूसलाधार बारिश के बाद जिले में अब जलभराव की स्थिति सामान्य होने लगी है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जल निकासी की गति तेज हुई है। इससे अधिकांश आबादी क्षेत्रों से पानी उतर चुका है। सूरवाल बांध के डाउनस्ट्रीम एवं बौंली उपखंड के कुछ गांवों को छोड़कर शेष जिले में हालात सामान्य हो गए हैं।
चंबल नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान 197 मीटर से घटकर अब 194 मीटर पर आ गया है, जो एक राहतकारी संकेत है। हालांकि, मौसम विभाग ने पूर्वी राजस्थान के विभिन्न जिलों के लिए आगामी दिनों में अति भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। इसके चलते जिले में फिर से जलभराव की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका बनी है।
जिला कलक्टर काना राम ने नागरिकों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें तथा नदियों, नालों, रपटों व बहाव वाली पुलियाओं को पार करने से बचे। बारिश के दौरान बिजली के खम्भों, ट्रांसफार्मर के पास से नहीं गुजरे। जलमग्न इलाकों के नागरिकों को सुझाव दिया कि वे स्थानीय पटवारी, गिरदावर शहरी क्षेत्र में नगर परिषद या क्षेत्र प्रभारी के संपर्क में रहें तथा बच्चों को किसी भी स्थिति में जल संरचनाओं या जलराशियों के समीप न जाने दें।
आपदा प्रबंधन की तैयारियों के तहत एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सिविल डिफेन्स की टीमें जिले में मुस्तैद हैं। बीते 24 घंटों में इन टीमों ने जिलेभर में 150 से अधिक लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया है। वहीं गुरुवार भी बौंली उपखंड के बांसड़ा, रघुवंटी लगभग 50 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। किसी भी आपात स्थिति में आमजन जिला नियंत्रण कक्ष के टेलीफोन नंबर 07462-220602 एवं 07462-220201, टोल फ्री नंबर 1077 पर संपर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
विशेष रूप से बनास एवं मोरेल नदियों के किनारे बसे गांवों में सतर्कता बरते। उन्होंने बताया कि हाड़ौती मार्ग पर स्थित भूरी पहाड़ी व बोदल की पुलिया क्षतिग्रस्त हो चुकी है। साथ ही सवाई माधोपुर-लालसोट मेगा हाईवे पर सूरवाल, अजनोटी तक जलभराव है। ऐसे में इन मार्गों से आवागमन न करें और अन्य वैकल्पिक मार्गो से सावधानीपूर्वक यात्रा करें। लालसोट व गंगापुर सिटी जाने के लिए कुश्तला से लालसोट तक एक्सप्रेस-वे का प्रयोग करें।
Published on:
01 Aug 2025 05:37 pm