भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की शानदार सफलता का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन सिर्फ 5 दिन का 'टेस्ट मैच' था, जिसे सेना ने 4 दिनों में ही जीत लिया। सबसे खास बात यह रही कि इस दौरान किसी भी आम नागरिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। इस ऑपरेशन का मुख्य लक्ष्य आतंकी गतिविधियों को पूरी तरह खत्म करना था। इस बार की जीत में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सबसे अहम रहा।
बुधवार को चित्रकूट प्रवास के दौरान जनरल द्विवेदी ने सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय के स्टाफ को संबोधित करते हुए कहा कि यह 'टेक्नोलॉजी वॉर' था, जिसमें सेना ने सभी चिह्नित आतंकी कैंपों को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया। उन्होंने बताया कि सेना ने पारंपरिक युद्ध से आगे बढ़कर टेक्नोलॉजी का उपयोग किया और चौथे ही दिन आतंकियों को सरेंडर करने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम में उनकी पत्नी सुनीता द्विवेदी, ब्रिगेडियर संजय मिश्रा, पद्मश्री डॉ. बीके जैन, डॉ. ईलेश जैन समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
जनरल द्विवेदी ने सेना और डॉक्टरों को सेवा का पर्याय बताते हुए कहा कि दोनों का मिशन लोगों की सेवा करना है। खुद को चिकित्सा पृष्ठभूमि से बताते हुए उन्होंने कहा कि डॉक्टर भगवान के बाद सबसे बड़ा स्थान रखते हैं। भविष्य में जनरल द्विवेदी चाहते हैं कि सेना का आरआर हॉस्पिटल और सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय मिलकर रिसर्च और डेवलपमेंट के क्षेत्र में काम करे। इसके लिए वे एमओयू (समझौता ज्ञापन) करने की दिशा में प्रयास करेंगे। उन्होंने डॉ. जैन को पद्मश्री सम्मान मिलने पर बधाई दी और कहा कि चिकित्सालय की सुव्यवस्थित और विशाल सेवा देखकर वे अभिभूत हैं। उन्होंने अपने सेना के अधिकारियों से भी आग्रह किया कि वे यहां आकर इस कार्य को देखें और प्रेरणा लें।
इस अवसर पर जनरल द्विवेदी ने भारतीय सेना की ओर से डॉ. जैन को एक स्मृति चिह्न भेंट किया। मोतियाबिंद एवं विट्रिओरेटिना के प्रशिक्षु चिकित्सकों के लिए लाई गई अत्याधुनिक सिमुलेटर मशीन का उद्घाटन किया। इस दौरान ऊषा जैन, डॉ. पी.सी. द्विवेदी (जनरल द्विवेदी के बड़े भाई और नेत्र चिकित्सक), आशा द्विवेदी, डॉ. रंजीत एच मणियार और कर्नल एसके मिश्रा उपस्थित रहे।
सेनाध्यक्ष जनरल द्विवेदी ने तुलसी पीठ पहुंच कर जगद्गुरु रामभद्राचार्य से मुलाकात की। यहां उन्होंने रामभद्राचार्य से गुरुदीक्षा ली और सेना की ओर से स्मृति चिह्न भेंट किया। इस दौरान दिव्यांग बच्चों ने सेनाध्यक्ष के सम्मान में रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। सेनाध्यक्ष ने दिव्यांग बच्चों को उपहार भी दिए। इस अवसर पर रामभद्राचार्य ने आगे चल कर पीओके जीतने की अपेक्षा जताई।
Updated on:
29 May 2025 01:47 pm
Published on:
29 May 2025 08:56 am