MP News: मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग ने अमरपाटन तहसील के ग्राम आनंदगढ़, आमिन, धोबहट, मुकुन्दपुर, परसिया एवं पपरा को मैहर जिले से पृथक कर रीवा जिले में सम्मिलित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऐसा होने पर मैहर जिले की पहचान मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी(Mukundpur White Tiger Safari) भी रीवा जिले में चली जाएगी। शनिवार को इन सभी छह गांवों को रीवा में शामिल करने का पत्र जारी होते ही इसका व्यापक पैमाने पर विरोध भी शुरू हो गया है। सांसद गणेश सिंह, अमरपाटन के विधायक राजेंद्र कुमार सिंह, पूर्व विधायक रामखेलावन पटेल और मैहर के पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी ने इस पर सत आपत्ति जताई है।
मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग को विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय से एक पत्र 27 जनवरी 2025 को मिला। उसमें ग्राम पंचायत आनंदगढ़, आमिन, धोबहट, मुकुंदपुर, परसिया एवं पपरा को मैहर जिले से पृथक कर रीवा में सम्मिलित करने सरपंचों द्वारा दिया गया आवेदन शामिल है। इसे आधार बनाते हुए आयोग के सचिव अक्षय कुमार सिंह ने कलेक्टर रीवा और मैहर को पत्र लिख इस प्रस्ताव पर अभिमत प्रस्तुत करने को कहा।
आयोग सचिव ने एक और पत्र सिर्फ मैहर(Maihar villages merge in Rewa) कलेक्टर को दिया, जिसमें मुकुंदपुर ग्राम पंचायत को परिसीमन की दशा में जिला रीवा में समिलित न करने और मैहर जिले में ही रखे जाने का ग्राम सभा का प्रस्ताव होता है। इस पर कलेक्टर मैहर से अभिमत मांगा जाता है। जानकारों का कहना है कि अगर मैहर कलेक्टर द्वारा अभिमत नकारात्मक दिया जाता और कलेक्टर रीवा द्वारा सकारात्मक अभिमत दिया जाता है तो आयोग के समक्ष अपने विवेक से निर्णय करने का अधिकार होगा।
इस मामले में खास बात यह है कि जिस पत्र के सहारे प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग ने 6 गांवों को रीवा जिले में शामिल करने की प्रक्रिया प्रारंभ की है, वह संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। मुकुंदपुर के सरपंच के हस्ताक्षर और सील ग्रामसभा के प्रस्ताव में किए गए हस्ताक्षर और सील से अलग नजर आ रहे हैं। इस पत्र में कहा गया है कि विकास पुरुष से हम सभी ग्रामवासी सादर निवेदन करते हैं कि हम लोगों के पंचायत क्षेत्र आनंदगढ़, आमिन, धोबहट, मकुंदपुर, परसिया तथा पपरा को मैहर जिले से पृथक कर रीवा जिले में मर्ज कराया जाए तथा व्हाइट टाइगर सफारी को भी रीवा जिले में मिलाने की सादर कृपा की जाए।
वहीं मुकुंदपुर(Mukundpur White Tiger Safari) ग्राम पंचायत की ग्राम सभा में 15 अप्रेल 2025 को मुकुंदपुर को रीवा जिले में शामिल नहीं करने का प्रस्ताव पास किया गया है। इस प्रस्ताव में सरपंच मुकुंदपुर की सील और हस्ताक्षर हैं। चौंकाने वाला तथ्य यह कि पत्र और ग्राम सभा के प्रस्ताव में सरपंच पद की सील और हस्ताक्षर आपस में मेल नहीं खाते दिख रहे हैं।
मामला ग्राम पंचायतों को रीवा(Maihar villages merge in Rewa) जिले में शामिल करने का नहीं है, बल्कि इन पंचायतों की आड़ में मुकुंदपुर स्थित व्हाइट टाइगर सफारी को रीवा जिले में शामिल कराना है। यह विश्व की पहली व्हाइट टाइगर सफारी है और रीवा जिला मुख्यालय से लगी हुई है। जानकारों का कहना है कि यदि सिर्फ मुकुंदपुर को रीवा में शामिल करने का पत्र जारी होता तो विरोधाभास के हालात बन जाते। इससे बचने के लिए ही अन्य ग्राम पंचायतों को रीवा में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया। ये सभी पंचायतें व्हाइट टाइगर सफारी से लगी हुई हैं।
इससे पहले जब मुकुन्दपुर व्हाइट टाइगर सफारी का लोकार्पण होना था, उस दौरान भी मुख्यमंत्री के ट्विटर हैंडल और फेसबुक पेज से मुकुन्दपुर सफारी को रीवा जिले में बताया गया था। तब सतना जिले में जनविरोध को देखते हुए तत्कालीन कलेक्टर संतोष मिश्रा ने इसकी सूचना सीएम कार्यालय को दी थी। इसके बाद तत्काल इसमें सुधार करते हुए रीवा की जगह सतना जिला किया गया था। लेकिन उसके बावजूद कई बार जनसंपर्क विभाग ने मुकुंदपुर सफारी को प्रेस नोट में रीवा जिले में बताया है।
सतना और मैहर के जनप्रतिनिधि भी मुकुंदपुर को मैहर से छीनने के प्रयासों के विरोध में मैदान में कूद गए हैं। उन्होंने इस संबंध में खुले पत्र लिखे हैं। सांसद गणेश सिंह ने ‘एक्स’ पर लिखा कि यह प्रस्ताव न केवल क्षेत्रवासियों की भावनाओं को आहत करता है बल्कि उनके सामाजिक, सांस्कृतिक, प्रशासनिक एवं विकास संबंधी हितों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। उन्होंने मुयमंत्री से इस प्रस्ताव को अविलंब निरस्त कर क्षेत्र की अखंडता एवं नागरिक हितों की रक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
मामले में मैहर और सतना जिले की आम जनता में भारी आक्रोश है। सोशल मीडिया में इसका व्यापक पैमाने पर विरोध शुरू हो गया है। सवाल खड़े किए जा रहे कि रीवा से सबसे निकट तो बेला पंचायत है लेकिन वहां परिसीमन की बात नहीं हो रही। सिर्फ सफारी से लगी पंचायतों में परिसीमन की कवायद रीवा के एक जनप्रतिनिधि का तुष्टीकरण है।
पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी ने इस कदम को मैहर जिले की पहचान खत्म करने की साजिश बताया है और कहा है कि वे इसे कामयाब नहीं होने देंगे। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा है कि व्हाइट टाइगर सफारी(Mukundpur White Tiger Safari) के साथ मैहर जिले के गांवों को रीवा में शामिल करना उचित नहीं है। इसके लिए उन्होंने शुक्ला पर आरोप मढ़ा है।
अमरपाटन से कांग्रेस विधायक डॉ राजेंद्र कुमार सिंह ने इसे रीवा जिले के वरिष्ठ भाजपा नेता व उप मुयमंत्री राजेंद्र शुक्ला का प्रयास बताकर क्षेत्रवासियों से इसके विरोध में आगे आने की अपील की है। उन्होंने जनता से आह्वान किया है कि इसके विरोध में मैहर जेल को भर दें। प्रथम चरण में 1000 सत्याग्रही रजिस्टर कराएं और नियत तिथि में हम जेल चलें।
पूर्व मंत्री रामखेलावन पटेल ने जारी बयान में कहा कि ये सभी ग्राम पंचायतें मैहर जिले में रहेंगी। मकुंदपुर आदि ग्राम पंचायतें अपनी ग्राम सभा के प्रस्ताव के माध्यम से पूर्व में ही मैहर जिले से पृथक न किए जाने का पत्र प्रेषित कर चुकी हैं। इस विषय में जिस रूप में यथोचित हल के लिए जो कार्य करना पड़े, मैं कृत संकल्पित हूं। सभी गांव हमारे विधानसभा क्षेत्र अमरपाटन के महत्वपूर्ण अंग एवं धरोहर के रूप में हैं।
Updated on:
12 Aug 2025 08:12 am
Published on:
10 Aug 2025 03:13 pm