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बाणसागर की अथाह जल राशि में फंसीं 12 जिंदगियां, तेज आंधी में नाव बहकर पहुंची 15 किमी दूर

विंध्य में पहली बार जल रेस्क्यू ऑपरेशन, स्टीमर और मोटरबोट से पहुंची राहत टीम, मौत के मुहाने से लौटे 12 आदिवासी

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bansagar dam

सतना। मैहर जिले की रामनगर तहसील के बाणसागर जलाशय में शनिवार की दोपहर बड़ा हादसा टल गया। पुरैना पंचायत के सिंहपुर गांव के 12 आदिवासी युवक छोटी नाव (डोंगी) से जलाशय के बीच अनाम टापू में स्थित अपनी कुलदेवी चंडी माता मंदिर बन्नेह दर्शन करने गए थे। दर्शन करने के बाद जब वे लौट रहे थे, तभी अचानक मौसम बिगड़ गया। तेज आंधी और बारिश शुरू हो गई, जिससे जलाशय में ऊंची लहरें उठने लगीं। तेज हवाओं के दबाव में नाव बहकर 10 से 15 किलोमीटर दूर चली गई और पूरी तरह नियंत्रण से बाहर हो गई।

चारों ओर अथाह जल राशि, दिशा का पता नहीं

नाव में सवार युवकों की जान सांसत में थी। चारों ओर सिर्फ अथाह जल राशि नजर आ रही थी। उन्हें यह भी समझ नहीं आ रहा था कि वे किस दिशा में हैं और कहां जाना है। इसी बीच नाव में सवार एक युवक ने पुरैना सरपंच को फोन करके घटना की जानकारी दी और मदद मांगी। सूचना तत्काल एसडीएम तक पहुंची और आनन-फानन में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। रेस्क्यू के लिए सरसी टॉपी से स्टीमर और मछली पालन करने वालों की मोटरबोट भेजी गई। रेस्क्यू दल ने कड़ी मशक्कत के बाद नाव तक पहुंचकर सभी 12 युवकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया और घाट तक लेकर आए। यह घटना क्षेत्र में सनसनी फैलाने वाली थी, लेकिन प्रशासन की तत्परता से बड़ा हादसा टल गया। जानकारों के मुताबिक, जलाशय में फंसे लोगों को बचाने का यह विंध्य क्षेत्र का अपनी तरह का पहला रेस्क्यू ऑपरेशन था। इस सफलता के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली और रेस्क्यू दल की सराहना की। पुलिस और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि खराब मौसम में जलाशय में नाव से सफर करने से बचें।

सरपंच को किया फोन

फंसे युवक में एक ने बताया कि लहरों के बाद जब नाव स्थिर हुई तो पुरैना सरपंच को फोन लगा कर घटना की जानकारी दी। सरपंच ने तत्काल इसकी जानकारी एसडीएम एसपी मिश्रा को दी। एसडीएम इस वक्त मैहर मंदिर ड्यूटी में थे। उन्होंने तत्काल मामले की जानकारी कलेक्टर रानी बाटड को दी। कलेक्टर ने एसडीएम को तत्काल मौके पर जाकर रेस्क्यू आपरेशन प्रारंभ करने का निर्देश दिया। एसडीएम मैहर से निकले और रामनगर थाना प्रभारी सहित जनपद सीईओ को भी मौके पर पहुंचने कहा। रामनगर पहुंच कर एमपीटी के पर्यटक स्थल सरसी टापू से स्पीड बोट बुलाई गई। साथ ही जलाशय में मछली मारने वाली मोटर बोट भी बुलाई गई। इसके बाद सर्च आपरेशन प्रारंभ किया गया।

डोंगरी टापू में फंसी मिली नाव

इधर, जलाशय में फंसी नाव अपने आप बहते हुए एक टापू में पहुंच गई थी। दो घंटे बाद एमपीटी की स्पीड बोट में सवार एसडीएम के रेस्क्यू दल ने जलाशय में फंसी नाव को ढूंढ़ निकाला। नाव के पास पहुंचे तो यहां 12 लोगों को देख एसडीएम ने स्पीड बोट को वापस रवाना किया और बड़ा स्टीमर सरसी से बुलवाया। 6 बजे के लगभग स्टीमर पहुंचा। स्टीमर में 12 आदिवासियों को बैठाया गया। इसके बाद इन्हें यहां से दो किलोमीटर दूर बाणसागर के सेमरिया गांव के बाला घाट में सकुशल उतारा गया। यहां से वाहनों द्वारा आदिवासियों को 25 किलोमीटर दूर उनके घर तक छुड़वाया गया।

इन लोगों का किया गया रेस्क्यू

जिन लोगों को बाणसागर जलाशय से बचाया गया उनमें सागर कोल (24), रामरहीस रावत (23), प्रेमलाल रावत (40), मिजाजी रावत (36), नेपाल कोल (25), अमित कोल (18), सौखीलाल कोल( 39), राजू साकेत (40), फूलचंद कोल (48), गोकुल कोल (48), बल्लू कोल (30), धर्मेन्द्र रावत (20) सभी निवासी ग्राम पुरैना।