बीना. भारी बारिश के चलते बुधवार को जंक्शन पर एक ही दिन में सात जगह पर फैलियर आया है, जिसमें यार्ड के अलावा तीन नंबर प्लेटफार्म के आगे ट्रैक पर पानी भर गया, जिससे रेल यातायात प्रभावित हुआ। जल भराव के कारण पॉइंट फेल हो गए, जिससे कई ट्रेन लेट हुईं। यह स्थिति वॉशिंग यार्ड के पास से निकले नाले में जल निकासी न होने के कारण बनी। इसके बाद शाम को एडीआरएम स्टेशन पहुंचे।
जलभराव के कारण पॉइंट नंबर 141 व 142, जो सिग्नल नंबर 10 व 14 के बीच स्थित हैं, फेल हो गए। इसके चलते सिग्नल भी रेड हो गए और ट्रेनों का संचालन घंटों बाधित रहा। पॉइंट फेल होने की जानकारी लगते ही ऑपरेटिंग इंजीनियरिंग और सीएचआइ तत्काल मौके पर पहुंचे, उन्होंने पानी की निकासी के लिए जेसीबी को बुलाया। उसके बाद वॉशिंग यार्ड के पास नाले की सफाई की गई और पानी कम होने के बाद रेलवे ट्रैक पर पॉइंट सही करने का काम शुरू किया गया। सुबह करीब 10 बजे से सुधार कार्य शुरू हुआ, दोपहर करीब एक बजे रेलवे यातायात बहाल हुआ। एडीआरएम ने निर्देशित करते हुए कहा कि जहां भी जलभराव की स्थिति बने वहां सफाई कार्य किया जाएगा और पानी निकासी व्यवस्था बनाई जाए।
यह ट्रेन हुईं लेट
सिग्नल फेल होने की स्थिति में कई महत्वपूर्ण ट्रेनें निर्धारित समय से घंटों लेट हो गईं। लेट होने वाली प्रमुख ट्रेनों में 11077 झेलम एक्सप्रेस एक घंटा 10 मिनट, 16031 अंडमान एक्सप्रेस 15 मिनट, 12137 पंजाब मेल 15 मिनट, 18236 बिलासपुर एक्सप्रेस 47 मिनट, 12943 उद्योगकर्मी एक्सप्रेस एक घंटा और 12707 आंध्रप्रदेश संपर्क क्रांति एक्सप्रेस 2 घंटा 9 मिनट, 12002 शताब्दी एक्सप्रेस 30 मिनट लेट हुई। यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर लंबे समय तक इनके लेट होने से ट्रेनों का इंतजार करना पड़ा, जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा।
हर साल बनती है यही स्थिति
रेल कर्मचारियों ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है। जब जंक्शन पर बारिश के दौरान ट्रैक पर जलभराव की समस्या सामने आती है, लेकिन अधिकारी इसे सही करने की ओर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं।
रेलवे विशेषज्ञों के अनुसार, पॉइंट और सिग्नल सिस्टम अत्यधिक संवेदनशील होते हैं, जो जलभराव की स्थिति में फेल हो जाते हैं। ऐसी तकनीकी खामी न सिर्फ ट्रेनों को लेट करती हंै बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी खतरा पैदा करती है।
यहां जरुरी है कि वह इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए बेहतर जल निकासी व्यवस्था और पॉइंट, सिग्नल रखरखाव प्रणाली को मजबूत करें, ताकि भविष्य में यात्रियों को परेशानी से बचाया जा सके।
Published on:
25 Jul 2025 11:59 am