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कठिन डगर है स्टेशन की, पैदल चलना भी है मुश्किल, फिर भी नहीं कराया जा रहा सड़क का निर्माण

कई बार ग्रामीण कर चुके हैं मांग, फिर भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

The path to the station is difficult, even walking is difficult
स्टेशन जाने वाली सड़क की स्थिति

बीना. सेमरखेड़ी रेलवे स्टेशन जाने के लिए कहीं से भी पक्का रास्ता नहीं है, जिससे बारिश में पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा है। यदि किसी को स्टेशन जाना है, तो ट्रैक्टर से ही जा पाते हैं। इस रोड पर जिन किसानों की जमीन है वह भी परेशान होते हैं।
सेमरखेड़ी गांव से करीब ढाई किलोमीटर दूर स्टेशन हैं और इसके लिए पक्का रास्ता नहीं है। लोग कीचड़ से होते हुए स्टेशन तक पहुंच पाते हैं। मोटर साइकिल या कार वहां से नहीं निकल पाती है। पहुंच मार्ग खराब होने के कारण सेमरखेड़ी सहित आधा दर्ज गांव के लोग महादेवखेड़ी या बीना स्टेशन से यात्रा करने मजबूर हैं, जबकि इन स्टेशनों की दूरी ज्यादा है। इस स्टेशन पर पांच पैसेंजर ट्रेनें यहां दोनों तरफ से रुकती हैं, जिससे कई लोग काम के लिए दूसरे शहरों में जाते हैं। बारिश के मौसम में उन्हें परेशान होना पड़ता है। रेलवे स्टेशन पर ड्यूटी पर जाने वाले कर्मचारियों को परेशान होना पड़ता है। कर्मचारियों को आगासौद से ढाई किलोमीटर कीचड़ में पैदल चलना पड़ता है।

आगासौद गांव से भी यही स्थिति
आगासौद गांव सहित आसपास के ग्रामीण भी सेमरखेड़ी स्टेशन से ही ट्रेन में यात्रा करते हैं, लेकिन यहां से भी सडक़ नहीं है और बारिश में ढाई किलोमीटर का यह मार्ग मुसीबत बन जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि आगासौद सहित दर्जन भर गांव के लोग इस रास्ते से स्टेशन जाते हैं। स्टेशन से भोपाल, मुंगावली, अशोकनगर के लिए छात्र पढऩे जाते हैं। इसके अलावा व्यापारी, ग्रामीण यात्रा करते हैं। इस समस्या को लेकर ग्रामीण जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं।

किसान भी होते हैं परेशान
इस रोड पर जिन किसानों की जमीन है वह भी परेशान होते हैं। बारिश में खेतों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। यदि यहां सडक़ का निर्माण हो जाए, तो ट्रेन में यात्रा करने वालों के साथ-साथ किसानों को भी बड़ी राहत मिलेगी।