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सावन: प्राचीन भूतेश्वर मंदिर में केवल जल चढ़ा सकेंगे श्रद्धालु

भोलेनाथ के प्रिय मास सावन का शुभारंभ 11 जुलाई से होने जा रहा है और सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को है। सावन माह में इस बार चार सोमवार होंगे। शहर के प्राचीन भूतेश्वर मंदिर, मार्कंडेश्वर मंदिर, बहेरिया शिव मंदिर, गौरीशंकर मंदिर, नागेश्वर एवं धनेश्वर आदि शिव मंदिरों में हर सोमवार को भगवान विशेष श्रृंगार किया जाएगा। शिवलिंग निर्माण के कार्यक्रम होंगे।

सागर

Reshu Jain

Jul 11, 2025

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भोलेनाथ के प्रिय मास सावन का शुभारंभ 11 जुलाई से होने जा रहा है और सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को है। सावन माह में इस बार चार सोमवार होंगे। शहर के प्राचीन भूतेश्वर मंदिर, मार्कंडेश्वर मंदिर, बहेरिया शिव मंदिर, गौरीशंकर मंदिर, नागेश्वर एवं धनेश्वर आदि शिव मंदिरों में हर सोमवार को भगवान विशेष श्रृंगार किया जाएगा। शिवलिंग निर्माण के कार्यक्रम होंगे।

इस वर्ष प्राचीन भूतेश्वर मंदिर में भक्त गृभग्रह में जाकर केवल जल चढ़ा सकेंगे। निर्माण कार्य के चलते सामने से नहीं मिलेंगे दर्शनपं. मनोज तिवारी ने बताया कि मंदिर में निर्माण कार्य के चलते भक्तों को मुख्य द्वार के सामने से दर्शन नहीं मिलेंगे। श्रद्धालु दक्षिण द्वार से अंदर जाएंगे और उत्तर द्वार से बाहर आएंगे। गृभ गृह में केवल जल चढ़ाने के लिए समय मिलेगा। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य की वजह से सामने से दर्शन नहीं मिलेंगे। सुबह 4 बजे प्रतिदिन अभिषेक-पूजन का कार्यक्रम शुरु हो जाएगा। मंदिर के पट 24 घंटे भक्तों के लिए खुले रहेंगे। सावन के प्रति सोमवार को भगवान का विशेष श्रृंगार जाएगा।

कांवड़ यात्रा निकाली जाएगी

सावन की शुरुआत के साथ कांवड़ यात्रा भी प्रारंभ हो जाती है। सावन माह में शिव की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ भक्तगण पैदल कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं। गंगा ,नर्मदा नदी का पवित्र जल कांवड़ में भर कर लाते हैं। मान्यता है कि सावन माह में कांवड़ में लाए हुए जल से शिव का जलाभिषेक करने वाले की हर मनोकामना पूरी होती है। सिविल लाइन स्थित नर्मदेश्वर धाम मंदिर से प्रतिवर्ष अनुसार इस साल भी डमरू दल के साथ कांवड़ यात्रा 18 जुलाई को वाहनों से सागर से बरमान को रवाना होगी। 

व्रत रखने से मनोकामना होती है पूरी

पुजारी संघ के अध्यक्ष पं. शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि यह माह भगवान शिव से जुड़ा हुआ है। सोमवार को जो लोग व्रत रखते हैं उन लोगों की हर कामना को शिव जी पूरा कर देते हैं। सावन का महीना पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित है। इस बार सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू हो रहा है जो कि 9 अगस्त तक चलेगा। सावन मास के सोमवार के दिन विशेष रूप से शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है और कई लोग तो व्रत भी रखते हैं। इस बार सावन में कुल चार सोमवार होने वाले हैं।

ये प्रमुख व्रत-पर्व

14 जुलाई - सावन माह का पहला सोमवार और संकष्टी चतुर्थी है।

15 जुलाई - मंगला गौरी व्रत है। इस शुभ अवसर पर देवी मां पार्वती की पूजा की जाती है।

17 जुलाई - कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी है।

21 जुलाई - कामिका एकादशी और सावन माह का दूसरा सोमवार है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाएगी।

22 जुलाई - मंगला गौरी व्रत और भौम प्रदोष व्रत है।

23 जुलाई - सावन शिवरात्रि

24 जुलाई - हरियाली और सावन अमावस्या है। पितरों का तर्पण एवं पिंडदान किया जाएगा।

27 जुलाई - हरियाली तीज

28 जुलाई - सोमवार व्रत व विनायक चतुर्थी

29 जुलाई - नाग पंचमी और मंगला गौरी व्रत है।

4 अगस्त - माह का अंतिम सोमवार है।

5 अगस्त - पुत्रदा एकादशी है। यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है।

6 अगस्त - माह का अंतिम प्रदोष व्रत है।

9 अगस्त - सावन पूर्णिमा है। इस दिन रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाएगा।