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UGC ने दिया बड़ा झटका, कॉलेजों में बंद होंगे कई कोर्स !

MP News: नई गाइडलाइन से निजी कॉलेजों को बड़ा झटका लगेगा, क्योंकि अधिकतर कॉलेजों के पास नैक ग्रेड नहीं है।

रीवा

Astha Awasthi

Aug 01, 2025

फोटो सोर्स: पत्रिका
फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उच्च शिक्षा में रोजगार से जुड़े कोर्स संचालन के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। अब केवल वे संस्थाएं ही रोजगार से सीधे जोड़ने वाले स्किल कोर्स चला सकेंगी, जिनके पास राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) से ग्रेड प्राप्त है। अब तक कई सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में ये कोर्स बिना नैक ग्रेड के चलाए जा रहे थे। नई गाइडलाइन से निजी कॉलेजों को बड़ा झटका लगेगा, क्योंकि अधिकतर कॉलेजों के पास नैक ग्रेड नहीं है।

नए शैक्षणिक सत्र में लागू होगा नियम

नई शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा विभाग ने कई ऐसे रोजगार कोर्स शुरू किए थे जिनसे सीधे छात्र कोर्स पूरा होने के बाद नौकरियों से जुड़ रहे थे। पढ़ाई के दौरान ही उन्हें उद्योगों एवं अन्य संस्थाओं में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए भेजा जाता था, साथ ही मानदेय भी मिलता था। ये अप्रेंटिसशिप एबेडेड डिग्री प्रोग्राम (एईडीपी) आधारित कोर्स कई कॉलेजों में शुरू किए गए हैं। नए शैक्षणिक सत्र 2025–26 से ही यूजीसी का नया नियम लागू हो जाएगा। जिसके चलते जिन संस्थाओं के पास नैक की ग्रेडिंग है वही संचालन कर पाएंगे।

गुणवत्ता सुधार के लिए व्यवस्था

यूजीसी की ओर से कहा गया है कि एप्रेंटिसशिप एबेडेड डिग्री प्रोग्राम का उद्देश्य छात्रों को क्षेत्र विशेष के अनुरूप कौशल आधारित शिक्षा, प्रशिक्षण एवं अप्रेंटिसशिप के माध्यम से रोजगार के लिए तैयार करना है। इस कारण इन पाठ्यक्रमों की गुणवत्ता सुधार के लिए जरूरी है कि ऐसी संस्थाओं में इनका संचालन हो जो राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप मूल्यांकित एवं प्रमाणित हों।

बता दें कि रीवा में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, ठाकुर रमणत सिंह कॉलेज एवं पीएमश्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस को ही नैक की ग्रेडिंग प्राप्त है। अन्य प्रमुख कॉलेजों में पूर्व में मिली ग्रेडिंग की अवधि वर्षों पहले ही पूरी हो चुकी है।

यूजीसी की नई गाइडलाइन जारी हुई है। जिसमें अप्रेंटिसशिप एबेडेड डिग्री प्रोग्राम के तहत नैक से ग्रेड प्राप्त संस्थान ही कोर्स संचालित कर पाएंगे। रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इसका निर्देश विश्वविद्यालय को भी प्राप्त हुआ है।- डॉ. सुरेन्द्र सिंह परिहार, कुलसचिव एपीएसयू रीवा