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Raksha Bandhan Rules : क्या पत्नी पति को राखी बांध सकती है? गूगल पंडित बोले ‘हां’, मगर ज्योतिषियों का क्या है कहना

Raksha Bandhan Rules : क्या पत्नि पति को राखी बांधी जा सकती है? क्या हम बॉयफ्रेंड को राखी बांध सकते हैं? रक्षा बंधन को लेकर इस तरह के सवाल गूगल पर हैं। आइए, हम राखी बांधने के नियम की बातें ज्योतिषों से जानते हैं।

भारत

Ravi Gupta

Aug 03, 2025

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Raksha Bandhan | प्रतीकात्मक फोटो | डिजाइन- पत्रिका

Raksha Bandhan Rules : रक्षा बंधन भाई-बहन का पर्व है। हम कई वर्षों से इसको ऐसे ही मनाते आ रहे हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक, सावन की पूर्णिमा पर हर साल राखी बांधने का ये पर्व रक्षाबंधन मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि बहन अपने भाई के कलाई पर राखी बांधती है। मगर, इंटरनेट पर एक सवाल यूजर्स पूछ रहे हैं कि "क्या पत्नी पति को राखी बांध सकती है?", हालांकि, गूगल पंडित इसका जवाब हां में दे रहे हैं। इस बात को समझने के लिए हमने ज्योतिषियों से बात की। आइए समझते हैं कि इसको लेकर धार्मिक मत क्या हैं-

राखी बांधने के नियम को लेकर ये सवाल भी गूगल पर-

  • क्या पत्नि पति को राखी बांधी जा सकती है?
  • क्या हम बॉयफ्रेंड को राखी बांध सकते हैं?

क्या पत्नी पति को राखी बांध सकती है?

गूगल पंडित का जवाब- "हाँ, पत्नी पति को राखी बांध सकती है। रक्षा बंधन का मतलब सुरक्षा का बंधन है, और यह जरूरी नहीं है कि यह सिर्फ भाई-बहन के बीच ही हो…।" गूगल के इस लॉजिकल जवाब को जब हमने पंडितों को बताया तो उन्होंने पढ़िए क्या कहा-

डॉ. अनीष व्यास (ज्योतिषाचार्य) ने बताया, रक्षा बंधन भाई-बहन का पर्व है। इसमें कोई दोराय नहीं। केवल हम रक्षा सूत्र कहकर नहीं कह सकते हैं कि पत्नी भी पति को राखी बांध सकती है।

कृष्ण और द्रौपदी रिश्ता

डॉ. अनीष ने बताया कि राखी बांधने की परंपरा के तार महाभारत काल से जुड़े हैं। कृष्ण और द्रौपदी रिश्ता भाई-बहन का था। एक बार जब कृष्ण को चोट लगी थी और खून बहने पर द्रौपदी ने साड़ी के पल्लू से बांधा था। इसके बाद भगवान कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा का वचन दिया था। तब से से राखी पर भाई बहन की रक्षा का वचन देता है। रही बात, पत्नी का रक्षा सूत्र बांधने का तो वो पूजा का कलावा या धागा बांध सकती है। लेकिन, राखी बांधना ये सही नहीं है। हिंदू धर्म में इसका कहीं जिक्र नहीं है।

रक्षाबंधन का सबसे पहला जिक्र इस ग्रंथ में

आचार्य ओम नारायण तिवारी, वैदिक ज्योतिष (वाराणसी) ने इसको लेकर बताया, रक्षाबंधन का सबसे पहला जिक्र "श्रीमद्भागवत" (Shrimad Bhagwat) ग्रंथ में मिलता है। वहां पर भाई-बहन के रिश्ते की बात है। इसको लेकर एक प्रचलित कहानी राजा बलि और देवी लक्ष्मी की है।

राखी बांधने को लेकर धार्मिक 'तथ्य' क्या हैं?

राजा बलि और देवी लक्ष्मी का रिश्ता

ओम नारायण तिवारी ने इसको लेकर कहा कि राजा बलि और देवी लक्ष्मी का रिश्ता भाई-बहन का था। राजा बलि को रोकने के लिए मां लक्ष्मी ने राखी बांधा था। यहीं से राखी बांधने की परंपरा शुरू हुई थी।

ओम नारायण तिवारी ये भी कहते हैं कि हमारे हिंदू पर्व रिश्तों से जुड़े हैं। हम उसी नियमानुसार मनाते आ रहे हैं। जैसे- करवा चौथ, तीज आदि पति-पत्नी के लिए है। अगर ये कहा जाए कि क्या करवा चौथ का व्रत बहन भाई के लिए रख सकती है क्या? इस तरह के सवालों का सीधा जवाब 'ना' है।

इसका निष्कर्ष क्या निकला?

रक्षा बंधन हमेशा से भाई-बहन के रिश्ते का का पर्व रहा है। पुराने समय में भी इसको लेकर यही जिक्र मिलता है। साथ ही हर पर्व-त्योहार को मनाने के धार्मिक नियम होते हैं जिसको उसी अनुरूप मनाया जाना चाहिए। इस आधार पर कहा जा सकता है कि पत्नी पति को राखी नहीं बांध सकती है। हां, वो रक्षा के लिए पति की कलाई पर कलावा जैसे पवित्र धागा को जरूर बांध सकती है।