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Shradh Parv: ऐसे समझें पितर आपसे खुश हैं या नाराज

- धरती पर आएं पितरों से संकेत ऐसे मिलते हैं हमें...

6 min read

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Deepesh Tiwari

Sep 29, 2023

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हिंदू धर्म में अपने पूर्वजों के निमित्त हर वर्ष के कुछ निश्चित दिन (16) समर्पित किए गए है। इन्हें पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है। मान्यता के अनुसार इस दौरान हमारे पितर पितृ लोक से धरती पर आते हैं। और अपने स्वजनों की तरक्की व खुशी को देखकर प्रसन्न होते हैं। वहीं इस समय धरती पर निवास कर रही उनकी पीढ़ी इस दौरान उन्हें श्राद्ध व तर्पण से तृप्त कर प्रसन्न करती है। ऐसे में इस साल 2023 में श्राद्ध पक्ष 29 सितम्बर से प्रारंभ होकर 14 अक्टूबर तक चलेगा। ऐसे में ये अभी से जान लें धरती पर आए पितर श्राद्ध पक्ष के आखिरी दिन अपने लोक वापस लौटते हैं। ऐसे में उनकी वापसी के बाद कुछ विशेष तरह के संकेत आपको उनकी खुशी या नाराजगी से जुड़े मिलते हैं, जो भले ही आपको इस साल 14 अक्टूबर के आसपास से मिलने शुरु हो जाएंगे, लेकिन उचित होगा कि इनहें आप आज से ही जान लें...

वहीं पंडित सुनील शर्मा के अनुसार यदि कोई कार्य की अतिव्यस्तता के चलते श्राद्ध करने से वंचित रह गया है, तो उसे पितृ विसर्जनी अमावस्या को सुबह स्नान के पश्चात गायत्री मंत्र का जाप करते हुए सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए। फिर इसके पश्चात घर में बने भोजन में से सर्वप्रथम गाय के लिए, फिर कुत्ते के लिए, फिर कौए के लिए, फिर देवादि बलि और उसके बाद चीटियों के लिए भोजन का अंश निकाल कर उन्हें खिलाना चाहिए।

इस पंचबलि के बाद श्रद्धापूर्वक पितरों से सभी प्रकार का मंगल होने की प्रार्थना कर भोजन करने से श्राद्ध कर्मों की पूर्ति होती है। इस दिन सामर्थ्य अनुसार शाम के समय 2, 5 या 16 दीप अवश्य जलाने चाहिए।

दरअसल मान्यता के अनुसार जो लोग पितृ पक्ष में अपने पितरों को याद ही नहीं करते हैं, तो उनके पितर उनसे नाराज हो जाते हैं, और धरती पर अपनी 16 दिन की यात्रा के बाद वापस पितृ लोक जाते समय उन्हें श्राप देकर जाते हैं। जिसके कारण आने वाले दिनों में ऐसे लोगों के लिए बड़ी दिक्कतें हर ओर से आनी शुरु हो जाती हैं।

ऐसे में सबसे बड़ी परेशानी धरती पर रह रही उनकी आगे की पीढ़ी को यह समझने में होती है कि पितृ लोक जाते समय उनके पुर्खे उनसे प्रसन्न थे या नाराज इसका कैसे पता लगाया जाए? यानि यदि पितर प्रसन्न रहे तो वे आशीर्वाद देकर गए होंगे, वहीं यदि नाराज हुए तो श्राप दिया होगा। ऐसे में अब अपने नाराज पितरों को वापस प्रसन्न कैसे किया जाए ये भी प्रश्न उठता है।

इस संबंध में पंडित सुनील शर्मा के अनुसार पितरों के पितृ लोक वापसी में कई तरह के इशारे हमें मिलने शुरु हो जाते हैं जिनसे हम उनकी नाराजगी या प्रसन्नता के विषय में जान सकते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में लोग कई बार इन संकेतों को पहचान नहीं पातें, तो आइये जानते हैं इन संकेतों के बारे में-

ऐेसे समझें संकेत
माना जाता है कि आपके पितृ आपसे खुश हैं या नहीं इसका संकेत अधिकतर वे आपको सपने में देते हैं। यदि वे आपसे खुश हैं तो व्यक्ति धन, समस्त सुख आदि की प्राप्ति कर मोक्ष को प्राप्त होता है। जबकि उनके नाराज होने पर आपके कार्यों में अड़चने आने के अलावा और भी कई सारी परेशानियां आपके समक्ष आने शुरु हो जाती हैं।

पितरों के इशारे : जो बताते हैं कि वे खुश हैं या नहीं

पं. सुनील शर्मा के अनुसार यदि सर्वपितृ अमावस्या के कुछ दिनों बाद अगर आपको रुका हुआ धन मिलने लगे, तो समझ लीजिए कि आपके पितर आपसे प्रसन्न होकर गए हैं। इसके अलावा आगामी चंद माह करीब 6 माह में कहीं से अचानक धन प्राप्त हो जाए तो ये भी पितर के प्रसन्न होने के संकेत माने जाते हैं।

: इसके अतिरिक्त यदि सर्वपितृ अमावस्या के कुछ ही दिनों के अंदर कोई रुका हुआ काम पूरा होने लगे, तो ये भी पितरों के प्रसन्न होने के संकेत हैं।

: वहीं यदि कोई भी काम पूरा ना हो रहा हो और पितरों के याद करने मात्र से ही सफल हो जाए, तो माना जाता है कि आपके ऊपर पितरों की कृपा है।

: इसके साथ ही यदि सर्वपितृ अमावस्या के बाद सपने में पितर खुश दिखाई दें या याद आ रहे हैं, तो ये भी पितरों के खुश होने के संकेत है।

: यह भी माना जाता है कि यदि सर्वपितृ अमावस्या के बाद अगर सपने में आपको सांप दिखाई दे और उसे देखकर आप प्रसन्न हो रहे हैं तो ये संकेत बताते हैं पितरों की प्रसन्नता को।

ये हैं पितरों की नाराजगी के संकेत
: यदि आपका कोई होता हुआ काम सर्वपितृ अमावस्या के आगामी दिनों में अटक जाए, तो इसका अर्थ ये माना जाता है कि पितर आपसे खुश नहीं हैं।

: इसके साथ ही यदि सर्वपितृ अमावस्या के आगामी दिनों में आपका धन कहीं फंस जाए, तो ये संकेत भी पितरों की नाराजगी को दर्शाता है।

: वहीं यदि सपने में पितरों का नाराज दिखना उनकी नाराजगी को दिखता है।

: यदि सपने में पितर अर्धनग्न दिखें तो यह उनकी सर्वाधिक नाराजगी को प्रदर्शित करता है।

जानकारों का ये भी कहना है कि यदि सपने में पितर किसी चीज को देखकर मचलते हुए दिखाई दें, तो इसका मतलब है कि वे उस चीज को पाना चाहते हैं ऐसी स्थिति में उन्हें ये चीज तुरंत अर्पित कर दें।

इसके अलावा कई तो सपने में ही कुछ मांग लेते हैं, या इशारों में अपनी इच्छा बता देते हैं। जैसे कुछ घटनाओं में ये बात भी सामने आती हैं जब एक पितर ने सपने में आकर कहा कि मेरी धोती मैली हो गई है। वहीं इसके बाद तुरंत धोती उन्हें अर्पित करते हुए दान करने से वे प्रसन्न हो गए।

पितरों की नाराजगी से आती हैं दिक्कतें : पितरों के नाराज होने पर व्यक्ति के जीवन में कई तरह की दिक्कतें आने लगती हैं। जैसे- खाने में अक्सर बाल, घर से दुर्गंध आना लेकिन कारण की पहचान न हो पाना, सपने में बार-बार पूर्वजों का आना, परिवार के किसी एक सदस्य का अविवाहित रह जाना, संतान का न होना, परिवार के किसी सदस्य का हमेशा बीमार रहना, परिवार के द्वारा जमीन की खरीद-फरोख्त में परेशानी आना सहित कई बातें पितरों के नाराजगी के संकेत हैं।

नाराजगी दूर करने के उपाय : वेदों और पुराणों में पितरों की नाराजगी दूर कर उन्हें संतुष्ट करने के लिए मंत्र, स्तोत्र और सूक्त के बारे में बताया गया है।

माना जाता है कि हर रोज इनका (मंत्रों, स्तोत्रों और सूक्तों) पाठ करने से पितरों की नाराजगी दूर होने के साथ ही पितृ बाधा शांत होती है। वहीं यदि कोई इनका पाठ हर रोज करने में सक्षम नहीं है तो उसे कम से कम पितृ पक्ष में पाठ अवश्य करना चाहिए।

पितृ पक्ष की अमावस्या पर गाय को पितरों के लिए बना भोजन, चावल का बूरा, घी और रोटी खिलाने से भी पितृ दोष शांत होता है।
वहीं किसी मंदिर में या किसी ब्राह्मण को अमावस्या के दिन अपने पूर्वजों के नाम से सफ़ेद वस्त्र,दूध, चीनी के साथ ही दक्षिणा आदि का दान करने से भी लाभ प्राप्त होता है।


इस बार यानि वर्ष 2023 की श्राद्ध की तिथियां...

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