Kajari Teej 2025: हिंदी धर्म में कजरी तीज का विशेष महत्व है। यह पर्व सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि पति-पत्नी के रिश्ते में प्रेम, आस्था और समर्पण का प्रतीक भी है। कजरी तीज, जिसे बड़ी तीज या कजली तीज भी कहा जाता है, यह प्रमुख पर्वों में से एक है, जिसे खासकर उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह भादों महीने में मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव व माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। आइए जानते हैं कजरी तीज से जुड़ी कुछ जरूरी नियम और मुहूर्त के बारे में।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन माता पार्वती ने कठोर तपस्या के बाद भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त किया था। इसीलिए कजरी तीज का व्रत पति-पत्नी के रिश्ते में स्थिरता, प्रेम और दीर्घायु का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को पूर्ण श्रद्धा और विधि-विधान से करने पर नारी को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।
Updated on:
12 Aug 2025 09:59 am
Published on:
11 Aug 2025 11:32 am