Jityaa Nirjala Fast: हिंदू धर्म में जितिया एक ऐसा पर्व है जो माताओं द्वारा अपनी संतान की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए रखा जाता है। इस व्रत को व्रत जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है। इस साल जितिया का व्रत 14 सितंबर, 2025 को मनाया जाएगा। इस व्रत की सबसे खास बात है कि इसे निर्जला उपवास, यानी बिना अन्न और जल के पूरा करना होता ङै।
माताएं यह कठिन उपवास अपनी संतान की रक्षा और दीर्घायु के लिए करती हैं। मान्यता है कि इस दिन पूरी श्रद्धा और नियमपूर्वक व्रत करने से संतान पर आने वाला हर कष्ट और बाधा दूर हो जाती है।
जितिया व्रत की कहानी राजा जीमूतवाहन से जुड़ी है। जीमूतवाहन, गंधर्व राजकुमार थे जिन्होंने एक नागिन के पुत्र को बचाने के लिए खुद अपने प्राण गरुड़ को अर्पित कर दिए थे। मान्यता के अनुसार, इस दिन विशेष रूप से इनकी प्रतिमा बनाकर पूजा करने से संतान की रक्षा होती है और संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी होती है।
इस दिन जीमूतवाहन की पूजा के साथ ही पीपल के पेड़ की पूजा करने की भी मान्यता है। महिलाएं पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर व्रत कथा सुनती हैं और पेड़ की परिक्रमा करती हैं। व्रत के पारण के बाद गरीबों, जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्रों का दान करें। माना जाता है ऐसा करने से सुख-समुद्धि की प्राप्ती होती है।
Published on:
08 Sept 2025 02:25 pm