Government schemes will change future of farming: किसानों की आय को तीन गुना करने की दिशा में सरकार ने कमर कस ली है। खेती को लाभ का धंधा बनाने और किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से अब जिलों में विशेष रणनीति के तहत योजनाओं का क्रियान्वयन शुरू किया जा रहा है।
इस मुहिम के तहत किसानों को केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। उप कृषि निदेशक रामकिशन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि शासन स्तर से स्पष्ट निर्देश मिल चुके हैं कि किसानों की आय को दो से तीन गुना करने के लिए जमीनी स्तर पर काम शुरू किया जाए। इसके लिए सभी संबंधित विभागों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं लागू की गई हैं, जिनमें प्रमुख हैं-
एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन) का गठन: इससे किसान सामूहिक रूप से खेती, खरीद, भंडारण और विपणन कर सकेंगे, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और मुनाफा सीधे किसानों को मिलेगा।
डिजिटल मार्केटिंग का बढ़ावा: फसलों की ऑनलाइन बिक्री और कृषि उत्पादों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे बाजार तक पहुंच आसान होगी और बेहतर दाम मिल सकेंगे।
गोबर और जैविक खाद का निर्यात: मवेशियों से प्राप्त गोबर को कृषि उपयोग के लिए प्रोसेस कर निर्यात किया जाएगा। इससे अतिरिक्त आमदनी का जरिया खुलेगा।
सब्सिडी योजनाओं का लाभ: सरकार किसानों को बीज, खाद, सिंचाई, कृषि यंत्रों आदि पर विशेष सब्सिडी दे रही है, जिससे उत्पादन लागत कम होगी और लाभ अधिक मिलेगा।
माइक्रोग्रीन फसलों को बढ़ावा: कम जमीन और कम समय में तैयार होने वाली माइक्रोग्रीन फसलों से किसानों को अतिरिक्त लाभ दिलाया जाएगा।
योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए प्रत्येक जिले में किसान गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। वहीं पंचायत स्तर पर निजी कंपनियों और कृषि विशेषज्ञों के माध्यम से किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक, विपणन कौशल और योजना के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण के बाद किसान सरकार द्वारा निर्धारित नियमों और मार्गदर्शकों का पालन करते हुए खेती करेंगे, जिससे उनकी आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।
उप कृषि निदेशक रामकिशन सिंह ने बताया कि “सरकार की मंशा सिर्फ योजनाएं लागू करने की नहीं, बल्कि हर किसान तक उसका असर पहुंचाने की है। हम प्रयासरत हैं कि कोई भी पात्र किसान लाभ से वंचित न रहे।”
सरकार की यह पहल यदि सही ढंग से धरातल पर उतारी गई, तो वह दिन दूर नहीं जब किसान आत्मनिर्भर बनेंगे और खेती फिर से देश की रीढ़ कहलाएगी। योजनाओं का लाभ यदि पारदर्शी और सशक्त तरीके से दिया गया, तो किसानों की आमदनी वास्तव में तीन गुना हो सकती है।
Published on:
31 Jul 2025 07:53 pm