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हाइवे पर दौड़ रही ‘चलती मौत’: बेलगाम ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉली बन गईं हादसों की गारंटी

नेशनल हाइवे पर जब आप अपने वाहन से गुजरते हैं, तो एक तरफ साइड से अचानक ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉली फर्राटा भरती हुई निकल जाए

Overload Vhical
Overload Vhical

राजसमंद (केलवा). नेशनल हाइवे पर जब आप अपने वाहन से गुजरते हैं, तो एक तरफ साइड से अचानक ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉली फर्राटा भरती हुई निकल जाए, तो हैरानी मत करिए- यही यहां की नई हकीकत बन चुकी है। केलवा कस्बे और इसके आसपास के गांवों में हाइवे पर बिना रोकटोक के ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉली ऐसे दौड़ रही हैं जैसे मौत को भी ओवरटेक करना हो। हाइवे के इस ‘खुले खेल फर्रुखाबादी’ को देखकर दुपहिया वाहन चालक और पैदल राहगीर तो जैसे हर वक्त सांसें थाम कर चलते हैं। हालात ये हैं कि ट्रॉली में इतना ज्यादा मार्बल पत्थर लाद दिया जाता है कि चलते-चलते ट्रैक्टर के अगले दोनों पहिए कभी भी हवा में झूल जाते हैं। ब्रेकर या चढ़ाई पर तो नज़ारा और खतरनाक हो जाता है। लगता है जैसे पलटते-पलटते किसी तरह खुद को खींच लेगा।

हादसे की कहानी, जो सबक नहीं बनी

करीब दो महीने पहले इसी हाइवे पर एक ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉली पलट गई थी। दो नौजवानों की मौके पर ही जान चली गई थी। अफसोस की बात ये रही कि इस दर्दनाक हादसे के बाद भी जिम्मेदार महकमा और पुलिस अपनी नींद से नहीं जागे। कार्रवाई के नाम पर अब तक सिर्फ आश्वासन का झुनझुना थमा दिया गया है।

प्रशासन को दिखता क्यों नहीं?

इलाके के लोग पूछ रहे हैं कि आखिर सड़कों पर बेलगाम दौड़ती ये ‘चलतीमौतें’ पुलिस और प्रशासन की आंखों से ओझल कैसे हैं? क्या वसूली की आड़ में सब आंख मूंदे बैठे हैं? जवाब किसी के पास नहीं।

आमजन की मुश्किलें

दुपहिया चालक खासतौर से डरे रहते हैं। तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्रॉली अगर पास से गुजर जाए, तो बाल-बाल बचने की दुआ मांगनी पड़ती है। पैदल चलने वालों के लिए भी रास्ता बचाना मुश्किल हो गया है। सड़क किनारे खड़े लोग दूर से ही ट्रैक्टर आता देख संभल जाते हैं कि कब कौन सा पहिया हवा में लहराता हुआ आ जाए, कहा नहीं जा सकता।

थानाधिकारी का दावा, कार्रवाई जल्द

लोगों के बढ़ते गुस्से के बीच केलवा थानाधिकारी लक्ष्मण राम बिश्नोई ने कहा है कि ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉली के खिलाफ शीघ्र ही कार्रवाई की जाएगी। अब ये ‘शीघ्र’ कब आएगा, ये देखना बाकी है।

आखिर कब लगेगी लगाम?

सवाल बड़ा है कि जब हादसे होते हैं, तब कुछ दिनों तक मुहिम चलती है, फिर सब पुराने ढर्रे पर। क्या प्रशासन को एक और जान जाने का इंतजार है? हाइवे पर बेलगाम दौड़ती इन ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर कब लगाम लगेगी कि ये सवाल अब केलवा के हर आम आदमी की जुबान पर है।