नाथद्वारा (राजसमंद). शहर के प्रतिष्ठित श्रीगोवर्धन राजकीय जिला चिकित्सालय में सोमवार दोपहर जो हुआ, उसने पूरे नाथद्वारा को झकझोर दिया। बच्चा चोरी की एक बेहद चौंकाने वाली वारदात को अंजाम दिया गया, जिसमें एक नवजात को अस्पताल से उठाकर फरार हो जाया गया। मास्क और नर्स का एप्रन पहनकर एक महिला ने अस्पताल स्टाफ बनकर पहले भरोसा जीता और फिर कुछ ही मिनटों में बच्चा लेकर निकल गई। अब तक सामने आए सीसीटीवी फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान से ये साफ हो गया है कि यह वारदात किसी साधारण महिला चोर की हरकत नहीं थी, बल्कि इसके पीछे एक संगठित बच्चा चोरी गैंग की भूमिका हो सकती है।
नाथद्वारा के सुखाड़िया नगर की रहने वाली बिंदिया मीणा ने 2 अगस्त को सीजेरियन डिलीवरी से एक बच्चे को जन्म दिया था। सोमवार दोपहर करीब ढाई बजे दो महिलाएं अस्पताल के जनाना वार्ड में दाखिल हुईं। इनमें से एक ने नर्स के कपड़े (सफेद सलवार-सूट और एप्रन) पहन रखे थे और मास्क लगाया हुआ था। दूसरी महिला ने गुलाबी ओढ़नी ओढ़ रखी थी। नर्स के वेश में आई महिला ने खुद को अस्पताल स्टाफ बताते हुए प्रसूता बिंदिया की ननद चंदा से बात की और बच्चे की जांच के बहाने उसे ऊपर वार्ड में ले जाने को कहा। चंदा ने बच्चा लेकर महिला के साथ जाना स्वीकार किया। कुछ ही दूरी पर महिला ने चंदा को आधार कार्ड लाने को कहा और बच्चा गोद में ले लिया। चंदा नीचे उतरी, जहां रास्ते में उसे मां सुगना मिलीं और दोनों कार्ड लेकर लौटे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी-महिला और बच्चा दोनों गायब थे।
पुलिस को शक है कि इस बच्चा चोरी के षड्यंत्र में तीसरी महिला की भी भूमिका हो सकती है, जो मौके पर नजर नहीं आई लेकिन वारदात की योजना का हिस्सा रही हो सकती है। जिस तरह वार्ड में दाखिल होने से लेकर चंदा को आधार कार्ड लाने भेजने और अस्पताल के पिछले रास्ते से निकलने तक का पूरा घटनाक्रम सामने आया है, वो पूरी तैयारी और तालमेल को दर्शाता है।
"हमने कई टीमें बनाई हैं जो बच्चा चोरी की इस घटना की हर एंगल से जांच कर रही हैं। अस्पताल के बाहर और शहर के अन्य हिस्सों के कैमरे भी खंगाले जा रहे हैं। सीमाओं पर नाकाबंदी कर दी गई है। जल्दी ही बच्चा बरामद कर लिया जाएगा और दोषियों को पकड़ लिया जाएगा।"
मोहनसिंह, सीआई, श्रीनाथजी मंदिर थाना
इस तरह की घटनाएं पहले भी देश के अलग-अलग हिस्सों में सामने आती रही हैं, जहां नवजात शिशुओं को अस्पतालों से चुराकर उन्हें बेचने या अवैध गोद लेने के नेटवर्क में शामिल कर लिया जाता है। नाथद्वारा की यह घटना भी वैसी ही एक कड़ी हो सकती है। इस घटना की विशेष बात यह रही कि आरोपित महिला ने भरोसा जीतने के लिए नर्स का रूप अपनाया और अस्पताल के कर्मचारियों और परिजनों दोनों को भ्रमित किया।
इस वारदात ने यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या हमारे सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा के पर्याप्त उपाय हैं?
कोई भी बाहरी व्यक्ति कैसे यूं ही अस्पताल के अंदर स्टाफ की तरह घूम सकता है?
जनाना वार्ड जैसी संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा गार्ड क्यों नहीं थे?
प्रवेश और निकास द्वारों पर कोई चेकिंग क्यों नहीं की गई?
राजसमंद पुलिस ने आमजन से अपील की है कि यदि किसी को ऐसी दो महिलाएं नजर आएं जिनके साथ एक नवजात हो और जिनका व्यवहार असामान्य लगे, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।
Published on:
05 Aug 2025 10:35 am