Chhattisgarh Liquor: राजनांदगांव जिले के कई गांवों ने सामाजिक सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए शराबबंदी लागू कर दी है। इस पहल ने न सिर्फ जिले में, बल्कि पूरे प्रदेश में शराबबंदी को लेकर नई उम्मीदें जगा दी हैं।
भरेगांव, आरला, मोखला गांव में पहले शराबबंदी की पहल हुई, इसके बाद आसपास के सुरगी, मोहड़ और माथलडबरी गांव के ग्रामीणों ने यह कड़ा कदम उठाया और अब ग्रामीण शराब से पूरी तरह से आजादी चाह रहे हैं। वे गांव के बिगड़ते माहौल से त्रस्त हो चुके हैं। कुछ ग्रामीणों ने शराब से आजादी पाने की दिशा में ठोस कदम भी उठाएं हैं।
ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया है कि गांव की सीमा में शराब पीने या बेचने वालों पर न केवल सामाजिक कार्रवाई की जाएगी, बल्कि आर्थिक दंड भी लगाया जाएगा। अगर प्रदेश के अन्य गांव भी राजनांदगांव मॉडल को अपनाते हैं, तो छत्तीसगढ़ में जनआंदोलन के रूप में शराबबंदी को सफल बनाया जा सकता है। राजनांदगांव की यह सामाजिक क्रांति राज्य के लिए एक मिसाल बन सकती है। यदि यह जागरूकता अन्य क्षेत्रों तक फैली, तो छत्तीसगढ़ शराबमुक्त प्रदेश बनने की दिशा में तेजी से बढ़ेगा।ऐसे सभी ग्रामों में शराबबंदी को लेकर पोस्टर भी लगाए गए हैं।
गांवों की यह पहल बिना किसी सरकारी आदेश या दबाव के की गई है, जो इसे और भी विशेष बनाती है। इन गांवों में पंचायत, महिला समितियों और युवाओं ने मिलकर शराब से हो रहे सामाजिक और पारिवारिक नुकसान को समझा और फिर यह निर्णय लिया। कई गांवों में 30 हजार से 50 हजार रुपए तक का जुर्माना तय किया गया है। ग्रामीणों का मानना है कि शराब न सिर्फ आर्थिक नुकसान पहुंचाती है, बल्कि घरेलू हिंसा, स्वास्थ्य समस्याओं और सामाजिक विघटन की भी प्रमुख वजह है। इस फैसले से न केवल अपराध में कमी आई है, बल्कि गांवों में पारिवारिक वातावरण भी सुधरा है।
ग्राम मोहड़ व माथलडबरी में पूर्ण शराबबंदी का ऐलान कर दिया गया। ग्राम समिति द्वारा बैठक ली गई, ग्रामीणों ने गांव में शराब बेचने व पीने-पिलाने वालों पर लगाम कसने का बीड़ा उठाया। माथलडबरी में तय हुआ, सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीते पकड़े जाने पर 10000, शराब बिक्री करते पकड़े जाने पर 31000 अर्थदंड व कानूनी कार्रवाई भी होगी।
मोहड़ में शराब बेचने वालों पर 50000 व पीने वालों पर 30000 का जुर्माना लगाया जाएगा। इसकी सूचना देने पर 15000 रुपए का इनाम भी मिलेगा। यह सभी निर्णय ग्रामवासियों की उपस्थिति में लिया गया एवं नशा मुक्ति अभियान के तहत यह एक बड़ी पहल है, जिसके लिए सभी ग्रामीणों ने सामूहिक शपथ ली है। ये दोनों ग्राम डोंगरगांव की सरहद में हैं और इसी सरहद में शासकीय मदिरा दुकान संचालित है, जिससे यही दोनों ग्राम अधिक पीड़ित हैं।
सोमवार 4 अगस्त को सुरगी में ग्राम विकास समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि गांव में अवैध शराब बिक्री पर रोकथाम एवं चौक-चौराहों पर शराब पीने पर पाबंदी लगाई जाएगी। सट्टा-जुआ व अनैतिक कार्य पूर्णता बंद किया जाएगा। शराब बेचने वालों पर 50 हजार रुपए अर्थदंड लगेगा। बताने वाले को 10 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा। गांजा बेचते पाए जाने पर 50 हजार रुपए अर्थदंड व बताने वाले को 10 हजार रुपए दिया जाएगा।
सट्टा लिखने वाले को 50 हजार रुपए व बताने वाले को 10 हजार रुपए दिया जाएगा। ताश-जुआ खेलने वालों पर 20 हजार रुपए जुर्माना लगेगा। बताने वालों को 5000 रुपए इनाम दिया जाएगा। सार्वजनिक जगहों पर शराब पीने वालों को 10 हजार रुपए अर्थदंड लगेगा। बताने वाले को 5000 रुपए, गांव में गाली गलौज करने वालों से 10 हजार रुपए वसूला जाएगा। बताने वाले को 5 हजार रुपए दिया जाएगा। सभी मामलों में बताने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।
Published on:
14 Aug 2025 10:08 am