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World Tribal Day 2025: छत्तीसगढ़ के इन 8 उत्पादों को मिला जीआई टैग, 14 और पर प्रक्रिया जारी… जानिए क्या है ये?

World Tribal Day 2025: अपनी विभिन्न जनजातीय संस्कृति, परंपरा और उत्पादों के लिए पहचाने जाने वाले छत्तीसगढ़ को अब जियोग्राफिकल इंडीकेशन टैग (जीआई) भी मिल चुका है।

World Tribal Day 2025 (Photo- Patrika)
World Tribal Day 2025 (Photo- Patrika)

World Tribal Day 2025: अपनी विभिन्न जनजातीय संस्कृति, परंपरा और उत्पादों के लिए पहचाने जाने वाले छत्तीसगढ़ को अब जियोग्राफिकल इंडीकेशन टैग (जीआई) भी मिल चुका है। राज्य में अब तक 8 से ज्यादा हैंडीक्राफ्ट और चावल की किस्मों को जीआई टैग मिल चुका है। अभी 14 आवेदन पेंडिंग हैं जो सभी कृषि से संबंधित है। इसमें चावल, बरबट्टी, सीताफल, अमरुद, कोदो-कुटकी आदि की वैराइटी शामिल है।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. दीपक शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में जीआई टैग को लेकर काफी संभावनाएं हैं। हर जिले में धान की अलग वैराइटी होने के साथ ही कृषि में बहुत सारी चीजें हैं जिनका जीआई टैग हो सकता है। विश्वविद्यालय की ओर किसानों को जीआई टैग करवाने में निशुल्क मदद की जा रही है।

इन्हें मिला जीआई टैग

जीराफूल
नगरी दुबराज
बस्तर वुड क्राफ्ट
आयरन क्राफ्ट
बस्तर ढोकरा
सिल्क साड़ी

क्या है जीआई टैग?

क्षेत्रीय उत्पाद जिससे उस क्षेत्र की पहचान होती है। उसकी ख्याति जब देश-दुनिया में फैलती है तो उसे प्रमाणित करने के लिए एक प्रक्रिया होती है जिसे जीआई टैग कहते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि पंजीकृत उपयोगकर्ताओं के अलावा किसी और को लोकप्रिय उत्पाद का नाम इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। संसद ने उत्पाद के रजिस्ट्रीकरण और संरक्षण को लेकर दिसंबर 1999 में अधिनियम पारित किया। इसे 2003 में लागू किया गया।

जीराफूल की खुशबू और बस्तर क्राफ्ट ने जीता दिल

जीराफूल: जीराफूल को ’ओरिज़ा सातिवा’ के नाम से भी जाना जाता है। यह सरगुजा जिले की एक प्राचीन चावल की किस्म है। इसकी विशेषताएं अनूठी उत्पादन तकनीक और भौगोलिक परिस्थितियों पर आधारित हैं। यह सुगंधित और बहुत मुलायम चावल है और जीरे के समान ही बहुत महीन, छोटी और पतली किस्म है।

बस्तर आयरन क्राफ्ट: लोक कला, शिल्प और प्रकृति बस्तर के आदिवासी समाज की नींव हैं। बस्तर लौह शिल्प शिल्पकारों की जीवंत रचनात्मकता, आविष्कारशील प्रतिभा और कल्पनाशीलता को दर्शाता है, जिन्होंने अपनी जीवन शैली की मूल धारणा और मूल अवधारणा को बनाए रखने का प्रयास किया है।

नि:शुल्क मदद

कृषि विवि में जीआई टैग करवाने के लिए किसानों की निशुल्क मदद की जा रही है। किसान, समूह, संस्था को जीआई टैग करवाने के लिए आवेदन भरवाने, डॉक्यूमेंट तैयार करवाने, आवेदन करने में मदद कर रहे हैं।