रायपुर के आंबेडकर समेत निजी अस्पतालों में महिला मरीज ज्यादा आ रही हैं। आंबेडकर अस्पताल में कुल मरीज में करीब 7 फीसदी लंग कैंसर वाले होते हैं। डॉक्टरों के अनुसार सिगरेट, बीड़ी पीने वालों को तो कैंसर का खतरा रहता है। उन लोगों को भी उतना ही खतरा है जो धूम्रपान कर रहे व्यक्ति के पास में खड़े रहते हैं। इसे सेकंडरी कारण कहा जाता है। वहीं, प्रदूषण भी लंग कैंसर के लिए जिम्मेदार है।
1 अगस्त को वर्ल्ड लंग कैसर डे के मौके पर पत्रिका ने कैंसर रोग विशेषज्ञों से बात कर जाना कि किस तरह इसके मरीज बढ़ रहे हैं। करियर ओरिएंटेड युवा तनाव खत्म करने के नाम पर स्मोकिंग करते हैं। वहीं, ग्रामीण इलाकों में लोग बीड़ी व सिगरेट पीने के आदी हैं। मरीजों में 40 वर्ष की उम्र वाले भी हैं। ये वही मरीज हैं, जिन्हें 12 से 15 साल पहले स्मोकिंग की लत लगी है।
लंग कैंसर से जहां 10 साल पहले 80 फीसदी मौतें होती थीं, अब 10 फीसदी घटकर 70 पर आ चुकी है। एडवांस ट्रीटमेंट से ऐसा संभव हो पाया है। सीनियर कैंसर सर्जन डॉ. यूसूफ मेमन व हिमेटोलॉजिस्ट डॉ. विकास गोयल के अनुसार पहले की तुलना में कामकाजी महिलाओं की संख्या बढ़ी है। एक कारण यह भी है कि पुरुषों की तरह उन्हें भी स्मोकिंग की लत लग रही है।
प्रदेश में पहले नंबर पर सर्वाइकल कैंसर के मरीज हैं। इसके बाद ब्रेस्ट व दूसरे कैंसर हैं। डॉक्टरों के अनुसार पहले की तुलना में मरीज बढ़े हैं। पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज स्थित कैंसर रीजनल सेंटर में 5 साल में 3832 यानी 20-25 फीसदी मरीज अभी तक जीवित हैं। यहां ब्रेस्ट कैंसर के 36 प्रतिशत ( 2043 में 733) व गर्भाशय ग्रीवा के 30 प्रतिशत मरीज (2991 में 871) अभी स्वस्थ हैं। अन्य कैंसर के 8731 मरीजों का इलाज किया गया। इनमें 15 प्रतिशत यानी 1343 मरीज स्वस्थ हैं। इसमें फेफड़े, ब्रेन ट्यूमर, हड्डी का कैंसर, ब्लड कैंसर, पेट व आंत से जुड़े कैंसर, आंख, किडनी आदि कैंसर के मरीज हैं। ग्रामीण महिलाओं में सबसे ज्यादा केस सर्वाइकल के आए।
90 फीसदी मामले धूम्रपान के कारण होते हैं।
वायु प्रदूषण में खतरनाक पदार्थों के संपर्क में आने से।
एस्बेस्टस के संपर्क में आने से मेसोथेलियोमा नामक लंग कैंसर।
आर्सेनिक, कैडमियम, निकल, पेट्रोलियम उत्पाद व यूरेनियम।
बीमारी के लक्षण ये
लगातार खांसी या खांसी में खून आना।
सीने में दर्द या सांस लेने में तकलीफ।
बिना किसी कारण वजन घटना।
लगातार थकान व कमजोरी महसूस करना।
कई मरीजों में खून की उल्टी।
Published on:
01 Aug 2025 12:21 am