महापौर की सख्ती और निगम आयुक्त के निर्देश पर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर आयुक्त विनोद पांडेय ने जोन 2, 3, 5 के अमले की क्लास ली। सवाल- शहर में कहीं भी कोई मुक्कड़ नहीं दिखना चाहिए। रामकी कंपनी डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए हर महीने करीब 4 करोड़ लेती है। यदि वह प्रतिदिन सभी 70 वार्डों के घरों से कचरा कलेक्शन कर रही है तो फिर रोजाना सड़कों के किनारे और अघोषित तौर पर कचरों का मुक्कड़ क्यों दिखाई देता है? ऐसे लचर सिस्टम को सुधारना पड़ेगा। इसकी मॉनीटरिंग करनी पड़ेगी। यह सुनिश्चित करना होगा कि वार्डों की सफाई का ठेके में जितने कामगारों तय हैं, उतने की मौके पर उपिस्थति होने चाहिए। क्योंकि जब-जब इसकी जांच हुई तो आधे से भी कम कामगार मिले हैं। पहली बार गार्बेज फ्री सिटी में छत्तीसगढ़ का पहला 7 स्टार रायपुर शहर है। स्वच्छता रैंकिंग में भी रायपुर चौथे स्थान पर आया है।
विगत दिनों निगम मुख्यालय में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर महापौर मीनल चौबे ने ऐसे तीखे सवालों की झड़ी लगा दी थी। साथ ही यह तय कर दिया था कि जोन स्तर पर सफाई की मॉनीटरिंग सुनिश्चित करनी पड़ेगी। इसके तहत पहली बैठक में निगम में अपर आयुक्त स्वास्थ्य विनोद पाण्डेय जोन कार्यालयों में जाकर जोन कमिश्नर, स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारी कार्यपालन अभियंता रघुमणि प्रधान, जोन स्वास्थ्य अधिकारी, स्वच्छता निरीक्षकों, वार्ड सफाई सुपरवाइजरों, रामकी कम्पनी के प्रतिनिधि से सीधा सवाल कर रहे हैं।
अपर आयुक्त स्वास्थ्य ने जोन के वार्ड सफाई सुपरवाइजरों को नियमित मॉनीटरिंग करने का निर्देश दिए कि रामकी कंपनी द्वारा सभी घरों से प्रतिदिन डोर टू डोर कचरा कलेक्शन किया जा रहा है या नहीं। क्योंकि अब लापरवाही पर सख्त कार्रवाई होगी। इसकी जिम्मेदारी हर वार्ड के सुपरवाइजर की होगी। महापौर मीनल चौबे और निगम आयुक्त विश्वदीप का सख्त आदेश है कि शहर के लोगों को स्वच्छ वातावरण मिले। उन्हें स्वच्छता अभियान में जोड़कर रायपुर को सबसे स्वच्छ शहर बनाना है।
Published on:
29 Jul 2025 01:03 am