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CSR का असंतुलित चेहरा: छत्तीसगढ़ में 1349 करोड़ खर्च, फिर भी कई जिले वंचित, रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा!

Corporate Social Irresponsibility: छत्तीसगढ़ में संचालित कंपनियों ने पिछले तीन वर्षों में 1349.51 करोड़ रुपए का कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) फंड जनहित के कार्यों पर खर्च करने का दावा किया है।

Corporate Social Irresponsibility (फोटो सोर्स- Shutterstock)
Corporate Social Irresponsibility (फोटो सोर्स- Shutterstock)

Corporate Social Irresponsibility: छत्तीसगढ़ में संचालित कंपनियों ने पिछले तीन वर्षों में 1349.51 करोड़ रुपए का कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) फंड जनहित के कार्यों पर खर्च करने का दावा किया है। केंद्रीय कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय की ओर से जारी ब्योरे के मुताबिक, राज्य में सीएसआर फंड का बड़ा हिस्सा कुछ चुनिंदा जिलों तक ही सीमित रहा है।

जाहिर है कि सीएसआर की पहुंच और प्राथमिकता पर पुनर्विचार की जरूरत है, क्योंकि शिक्षा-स्वास्थ्य जैसे एक-दो कोर सेक्टर को छोड़कर ज्यादातर उपेक्षित ही रहे हैं।

सरकार और कंपनियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि सीएसआर के लिहाज से पिछड़े और आदिवासी जिलों के साथ महिला सशक्तिकरण, कुपोषण, पेजयल और स्वच्छता को भी प्राथमिकता में रखें। एक ओर महिला सशक्तिकरण, वृद्धजन कल्याण और विकलांगजनों की शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सीएसआर फंड सीमित स्तर पर खर्च हुआ। वहीं, कई संवेदनशील विषय जैसे- कुपोषण उन्मूलन, पेयजल, स्वच्छता में भी गिरावट दर्ज की गई।

  • कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति सरकार और कंपनियों की प्रतिबद्धता पर विशेषज्ञों का मानना है सीएसआर का उपयोग शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से हो रहा है, पारदर्शिता की कमी बड़ी चुनौती है।
  • इधर, शिक्षा और स्वास्थ्य पर 17.17 करोड़ खर्च हुआ। इतनी ही राशि कला-संस्कृति और खेल प्रशिक्षण पर व्यय हुई। खासकर 2022-23 में कला-संस्कृति पर 7.39 से 9.02 करोड़ तक की वृद्धि दर्ज की गई।

Corporate Social Irresponsibility: रायगढ़, रायपुर और बिलासपुर को तव्वजो

व्यय अवधि में सबसे ज्यादा रायगढ़ में 404.61 करोड़ रुपए खर्च होना बताया गया है। वहीं, रायपुर में 284.95 करोड़, बिलासपुर में 91.24 करोड़ खर्च किए गए। दूसरी ओर, बलौदाबाजार, बेमेतरा, महासमुंद, बीजापुर, नारायणपुर जैसे जिलों को या तो फंड ही नहीं मिला या बहुत कम राशि दी गई।

विकास क्षेत्रों में सबसे ज्यादा राशि 410.48 करोड़ रुपए स्वास्थ्य देखभाल पर, इसके बाद शिक्षा पर 431.68 करोड़ और ग्रामीण विकास परियोजनाओं पर 205.07 करोड़ की राशि खर्च की गई। यह तीनों सेक्टर मिलकर कुल खर्च का 76 प्रतिशत से अधिक उपयोग किया गया।

जिलावार व्यय ( करोड़ रुपए में)

जिला - 2021-22 - 2022-23 - 2023-24
रायगढ़ - 23.22 - 273.62 - 107.77
रायपुर - 79.66 - 94.87 - 110.42
बिलासपुर - 16.74 - 28.10 - 46.40
कोरबा - 22.03 - 27.23 - 37.20
बस्तर - 15.26 - 12.12 - 17.24
दंतेवाड़ा - 8.77 - 9.91 - 19.52
दुर्ग - 13.52 - 11.26 - 5.91
जशपुर - 2.31 - 0.27 - 2.73
कांकेर - 1.02 - 6.59 - 9.15
कोंडागांव - 0.00 - 3.00 - 0.00
महासमुंद - 0.77 - 0.27 - 6.90
अन्य - 95.36 - 91.24 - 23.41

विकास क्षेत्रवार खर्च ( करोड़ रुपए में)

विकास क्षेत्र - 2021-22 - 2022-23 - 2023-24
शिक्षा - 53.75 - 277.52 - 100.41
स्वास्थ्य देखभाल - 166.04 - 133.77 - 110.67
ग्रामीण विकास - 36.50 - 79.14 - 89.43
आजीविका वृद्धि - 9.10 - 23.91 - 39.31
कला और संस्कृति - 0.78 - 7.39 - 9.02
खेल प्रशिक्षण - 1.78 - 5.83 - 9.56
पर्यावरणीय स्थायित्व - 21.20 - 27.44 - 14.85
गरीबी, भूख, कुपोषण - 6.43 - 24.71 - 17.16
महिला सशक्तिकरण - 1.20 - 3.73 - 2.26
स्वच्छता - 1.64 - 13.56 - 0.42
पेयजल - 4.45 - 2.29 - 1.77
सामाजिक समानता - 3.02 - 1.47 - 2.11