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अब 15 नहीं, 75 एकड़ में बनेगा लॉजिस्टिक हब! कैबिनेट मंजूरी के बाद अधिसूचना जारी, देश-विदेश से बढ़ेगा व्यापार

CG Logistics Hub: रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक्स निवेश प्रोत्साहन नियम- 2025 को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी।

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अब 15 नहीं, 75 एकड़ में बनेगा लॉजिस्टिक हब! कैबिनेट मंजूरी के बाद अधिसूचना जारी, देश-विदेश से बढ़ेगा व्यापार(photo-patrika)

अब 15 नहीं, 75 एकड़ में बनेगा लॉजिस्टिक हब! कैबिनेट मंजूरी के बाद अधिसूचना जारी, देश-विदेश से बढ़ेगा व्यापार(photo-patrika)

CG Logistics Hub: छत्तीसगढ़ के रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक्स निवेश प्रोत्साहन नियम- 2025 को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी। अधिसूचना के मुताबिक लॉजिस्टिक पार्क के लिए 15 एकड़ नहीं. 75 एकड़ से ज्यादा क्षेत्रफल में लॉजिस्टिक्स निवेश को आकर्षित किया जाएगा।

CG Logistics Hub: वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के नियम आज से प्रभावी

इससे पहले निवेश के लिए 15 एकड़ क्षेत्रफल तय किया गया था, वहीं लॉजिस्टिक हब के लिए न्यूनतम पांच एकड़ से 50 एकड़ से अधिक के क्षेत्रफल की सुविधा दी गई है। अधिसूचना 3 नवंबर को जारी करते ही लॉजिस्टिक्स निवेश प्रोत्साहन नियम के अंतर्गत छूट सब्सिडी आदि प्रभावशील हो चुके हैं।

राज्य सरकार ने आयात-निर्यात बढ़ाने के उद्देश्य से कैबिनेट की बैठक में लॉजिस्टिक नीति का अनुमोदन किया था। इससे पहले औद्योगिक नीति 2024-30 में लॉजिस्टिक्स हब के लिए अलग से प्रावधान लागू नहीं थे। अब यह नई औद्योगिक नीति के दायरे में आ चुका है। वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार के मुताबिक लॉजिस्टिक्स निवेश प्रोत्साहन नियम को लेकर नियम व छूट, अनुदान के प्रावधान लागू कर दिए गए हैं।

पार्क निवेश प्रोत्साहन के प्रमुख नियम, शर्तें व छूट


  1. संबंधित परियोजना भूमि का डायवर्जन कराना जरूरी होगा।




  2. राज्य व केंद्र सरकार के संबंधित एजेंसियों से एनओसी प्राप्त करना जरूरी।




  3. परियोजना का न्यूनतम 60 प्रतिशत क्षेत्रफल का उपयोग करना आवश्यक।




  4. ग्राम एवं नगर निवेश के मुताबिक परियोजना में सड़कों की चौड़ाई न्यूनतम 10 मीटर से अधिकतम 18 मीटर।




  5. ड्रेनेज स्ट्रीट लाइट आदि व्यवस्थाएं।




  6. भूमि के पंजीयन शुल्क में 50 प्रतिशत छूट।




  7. 5 करोड़ से 140 करोड़ रुपए तक का अनुदान।

नियम को मंजूरी मिलने के बाद अब प्रदेश में लॉजिस्टिक पार्क, लॉजिस्टिक हब, मल्टी मोडल लॉजिस्टिक पार्क, ड्राईपोर्ट, इनलैंड कंटेनर डिपो, एयर कार्गो टर्मिनल, गति शक्ति टर्मिनल, ट्रांसपोर्ट हब, फ्रेट स्टेशन आदि के जरिए वस्तुओं के आयात-निर्यात होगा। राज्य की अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक असर आने की संभावना है।

तीन किस्तों में मिलेगा अनुदान

लॉजिस्टिक्स पार्क व लॉजिस्टिक्स हब के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर लागत की अनुदान तीन किस्तों में वितरित किया जाएगा। पहली किस्त के रूप में परियोजना का 100 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने पर 40 प्रतिशत अनुदान, दूसरी किस्त के रूप में संचालन, उत्पादन प्रमाण-पत्र जारी होने के एक वर्ष बाद 30 प्रतिशत अनुदान व तीसरी किस्त के रूप में उत्पादन, सेवा गतिविधि प्रमाण-पत्र जारी होने के दो वर्ष बाद 30 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।

नई नीति से ई-कामर्स से लेकर देश की बड़ी एफएमसीजी, ऑटोमोबाइल्स कंपनी, इलेक्ट्रॉनिक्स, कोल्ड स्टोरेज, मेडिकल सेक्टर, लाइफ स्टाइल आदि क्षेत्र की कंपनियों को निवेश से फायदा मिलेगा।

लॉजिस्टिक पार्क से मतलब

लॉजिस्टिक पार्क से उत्पादों से बनने से लेकर उसके अंतिम गंतव्य तक पहुंचाने के लिए व्यवस्था विकसित करना है। सड़क, रेल स्टेशन, एयरपोर्ट के आस-पास यह पार्क विकसित होंगे। यहां लोडिंग-अनलोडिंग, शेड, अस्थायी भंडारण क्षेत्र, वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, कंटेनर फ्रेटस्टेशन, वे-ब्रिज, ग्रेडिंग, रि-पैकिंग, छटाई, मटेरियल हैंडलिंग की मशीनकृत व्यवस्था होगी।