Rakshabandhan 2025: रक्षा बंधन का पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के साथ ही सामाजिक सौहार्द का भी प्रतीक है। ऐसे ही कुछ भाई इस रिश्ते को अपने जीवन में सहेजकर अनेकता में एकता का उदाहरण पेश कर रहे हैं। उनका मानना है कि एक-दूसरे के तीज-त्योहार में शामिल होना ही देश की एकता को मजबूत करता है। यह देश दुनिया के लिए मिसाल है। चौबे कॉलोनी के शेख युनूस को 2018 से नेहा वैष्णण तमिलनाडु से राखी भेजती हैं।
युनूस कहते हैं, अनेकता में एकता हमारे देश की पहचान है। मैं हमेशा बहन के साथ खड़ा रहूंगा। मरीन ड्राइव स्थित एक कैफे के ओनर इरफान अहमद को पिछले चार साल से स्लम इलाके की बच्चियां राखी बांधती हैं। वे कहते हैं, इन बहनों के स्नेह से मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है। जब से स्टार्टअप शुरू किया, कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन इनकी दुआ ने हमेशा साहस दिया।
तौकीर रजा बताते हैं कि अब उनकी बहनें शादीशुदा हैं, तो डाक से राखी भेजती हैं। जैसे ही राखी आती है, फोटो खींचकर वाट्सऐप पर डालना उन्हें सुखद अहसास देता है।
मायाराम सुरजन शासकीय स्कूल की शिक्षिका रजनी शर्मा ने इस साल बस्तर की छाप छोड़ते हुए सल्फी, हल्दी, कमल और डाग कांदा की पत्तियों से राखियां बनाईं, ताकि पर्यावरण और संस्कृति दोनों को बढ़ावा मिल सके।
Updated on:
09 Aug 2025 12:08 pm
Published on:
09 Aug 2025 12:07 pm