हैरानी ये कि डोर-टू-डोर कचरा प्रबंधन को भी पलीता लगा है। बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोग जब तक नीचे उतरते हैं तब तक गाना बजाकर कचरा गाड़ी रवाना हो जाती है। इस वजह से लोग परेशान हैं। निगम के अधिकारी खुद बयां करते हैं कि 7 स्टार सिटी का मतलब मुक्कड़ों, सड़कों के किनारे, मोहल्ले, कॉलोनियों में कहीं कचरा नहीं दिखना चाहिए। लेकिन स्थिति इसके उलट है। 7 स्टार सिटी में बदहाली ऐसी कि अभी भी सफाई मुख्य सड़कों तक सिमटी हुई है।
अंदरूनी क्षेत्रों में जहां जगह खाली वहीं कचरे का ढेर नजर आता है। वार्ड 55 के संगम आटा चक्की से कृष्णानगर, राधा विहार की मुख्य सड़क किनारे की नालियां कई दिनों से बजबजा रही हैं। इसी वार्ड के लालपुर मौसम केंद्र के पास जो जयस्तंभ बना हुआ है, उसके चारों तरफ गंदगी का आलम है। जबकि निगम के 70 वार्डों की सफाई का अलग-अलग ठेका है, किसी में 40, तो किसी में 50 कामगार रखने की शर्तें तय हैं। उसकी मॉनिटरिंग कहीं नजर नहीं आती है। हैरानी ये कि जब-जब इसकी जांच हुई तो आधी संख्या से भी कम सफाई कामगार वार्डों में मिले हैं। ऐसे में 10 से 15 हजार रुपए जुर्माना लगाकर खानापूर्ति की गई। किसी का ठेका निरस्त नहीं किया गया।
7 स्टार सिटी जैसी सफाई नहीं होने पर महापौर मीनल चौबे ने सख्त ऐतराज जताया था। साथ ही कहा कि शहर की साफ-सफाई की व्यवस्था जोन स्तर पर दुरुस्त होनी चाहिए। महापौर के इस निर्देश पर नगर निगम में स्वास्थ्य विभाग के अपर आयुक्त विनोद पांडेय और निगम में स्वच्छ भारत मिशन के नोडल रघुमणि प्रधान ने जोन स्तर पर बैठकें ली, लेकिन मॉनिटरिंग के अभाव में सफाई व्यवस्था सुधर नहीं रही है।
नगर निगम के रिकॉर्ड में 186 से अधिक कवर्ड कैम्पस वाली आवासीय सोसाइटियों में लोग रहते हैं। इनमें से 86 से अधिक में कचरा प्रबंधन उसी कैम्पस में करने का दावा किया जाता है। लेकिन अधिकांश ऐसी हैं, जहां 10 मंजिला तक हैं, उन आवासीय परिसरों की भी मॉनिटरिंग नहीं कराई जा रही है। जोन 7 के अंतर्गत कुकरीपारा से लगी हुई मल्टी स्टोरी में रहने वाले रहवासी इस लिए परेशान है कि वहां पहले कचरा कंटेनर रखा जाता था, जिसे नगर निगम ने हटा दिया है। ऐसे में सुबह-सुबह गाड़ी लेट आने पर लोगों को काफी इंतजार करना पड़ता है। यदि गाड़ी जल्दी आ गई तो उनके नीचे उतरने तक बिना कचरा लिए ही गाड़ी रवाना हो जाती है। ऐसे में या तो वे कचरा इधर-इधर फेंकने को मजबूर होते हैं या फिर घरों में रखना पड़ता है।
शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराने के लिए सख्त निर्देश है। इसका पालन जोन स्तर पर कराने के लिए सभी जोनों में बारी-बारी से बैठकें ले चुके हैं। अब जिस जोन में लापरवाही सामने आएगी, वहां कार्रवाई की जाएगी। मल्टी स्टोरी सोसायटियों की जल्द समीक्षा करेंगे।
विनोद पांडेय, अपर आयुक्त, स्वास्थ्य विभाग
Updated on:
17 Aug 2025 12:24 am
Published on:
17 Aug 2025 12:23 am