CG News: नक्सलियों ने 5 साल पहले बीजापुर में सड़क निर्माण कार्य में लगी एक्जावेटर मशीन को जला दिया था। इसका क्लेम करने पर बीमा कंपनी ने वाहन का कमर्शियल उपयोग करने, बिना लाइसेंस ड्राइवर के वाहन चलाने और विलंब से आगजनी की सूचना देने का अनूठा बहाना बनाया। क्लेम की राशि नहीं मिलने पर वाहन मालिक ने राज्य उपभोक्ता आयोग में गुहार लगाई। जहां आयोग के अध्यक्ष एवं न्यायमूर्ति गौतम चौरड़िया और सदस्य प्रमोद कुमार वर्मा ने कंपनी की अपील को खारिज करते हुए 20 लाख रुपए का क्लेम देने का आदेश दिया।
यह राशि 7 फीसदी वार्षिक ब्याज दर के साथ 7 दिसंबर 2022 से भुगतान किए जाने तक देने और 5000 रुपए वाद व्यय देने कहा। साथ ही अपने फैसले में कहा कि बीमा पॉलिसी किसी भी तरह की क्षतिपूर्ति के लिए है न कि लाभ अर्जन के लिए। नक्सलियों ने खड़े वाहन में आगजनी की। घटना के बाद बकायदा इसकी सूचना दी गई थी। बीमा कराने के बाद भी क्लेम को निरस्त करना सेवा में कमी की श्रेणी में आता है।
नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में बाली गैरेज एवं क्रेन सर्विसेस की एक्जावेटर मशीन बीजापुर थाना क्षेत्र में सड़क निर्माण कर रही शिव शक्ति रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी में अटैच थी। इस दौरान 17 दिसंबर 2020 की शाम 5 बजे नक्सलियों ने वाहन में आग लगी दी, जिससे वह पूरी तरह से जलकर राख हो गया। घटना के बाद वाहन मालिक ने स्थानीय पुलिस थाना और बीमा कंपनी को सूचना दी, लेकिन न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने वाहन किराए पर दिए जाने के दौरान आगजनी पर दिए जाने और आगजनी के समय वाहन का उपयोग नहीं करने की बात कही। क्लेम को खारिज करने पर जगदलपुर जिला फोरम में अपील करने पर वाहन मालिक को 20 लाख रुपए देने का आदेश पारित किया गया था।
जगदलपुर जिला फोरम के आदेश के खिलाफ बीमा कंपनी ने राज्य आयोग में अपील करते हुए बीमा नियमों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया। आयोग ने बीमा कंपनी की सारी आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि वाहन की सुरक्षा के लिए बीमा कराया जाता है, ताकि किसी भी तरह का नुकसान होने पर राहत मिल सके। खडे वाहन में आग लगाने पर वाहन चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस से कोई वास्ता नहीं है। बीमा कंपनी क्लेम नहीं देने के लिए जानबूझकर इस तरह का तर्क प्रस्तुत कर रही है, जिसका बीमा नियमों से कोई वास्ता नहीं है।
Published on:
06 Aug 2025 01:32 pm