रायपुर @पीलूराम साहू।CG News: दुर्ग स्थित चंदूलाल चंद्राकर सरकारी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल का अधीक्षक एक डेंटिस्ट को बना दिया गया है। जानकारों के अनुसार यह नियम विरुद्ध है। अस्पताल में एमडी-एमएस डिग्रीधारी डॉक्टर भी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने एक डेंटिस्ट को तवज्जो देकर अस्पताल का प्रभार दे दिया है। जून के आखिरी सप्ताह में अस्पताल अधीक्षक डॉ. जयंती चंद्राकर का ट्रांसफर पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हुआ था। उनके स्थान पर डेंटल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कुलदीप सांगा को अस्पताल अधीक्षक का प्रभार दे दिया गया है।
अस्पताल में इसे लेकर काफी चर्चा भी है, लेकिन कोई खुले तौर पर विरोध नहीं कर पा रहा है। प्रदेश के किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में किसी डेंटिस्ट को अब तक अधीक्षक नहीं बनाया गया है। दरअसल अस्पताल में डेंटल विभाग जरूर होता है, लेकिन इसकी फैकल्टी को अस्पताल अधीक्षक जैसा महत्वपूर्ण प्रभार कभी नहीं दिया गया। डॉ. सांगा उप अधीक्षक के बतौर सेवाएं दे रहे थे, इसलिए कॉलेज प्रबंधन ने किसी अन्य फैकल्टी को जिम्मेदारी देने के बजाय उन्हें ही अधीक्षक का काम सौंप दिया है।
पिछले 25 साल में अब तक सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में प्रभारी अधीक्षक बनाए जा रहे हैं। पीएससी से एक बार भी डीपीसी नहीं हुई है। ये बड़ा सवाल है कि आंबेडकर जैसे बड़े अस्पताल में भी चालू प्रभार वाला अधीक्षक 25 सालों से सेवाएं दे रहा है। यही हाल बाकी 9 सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों का है। जबकि सेटअप में नियमित अधीक्षक बनाने का प्रावधान है। उन्हें अलग से भत्ता भी देने का नियम है।
दुर्ग मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की कमी है इसलिए सीनियर डेंटिस्ट को अस्पताल अधीक्षक का प्रभार दिया गया है। जब फैकल्टी आ जाएंगे, तब पात्र डॉक्टर को नई जिम्मेदारी दे दी जाएगी। -डॉ. यूएस पैकरा, डीएमई छत्तीसगढ़
Updated on:
06 Aug 2025 12:21 pm
Published on:
06 Aug 2025 08:27 am