CGMSC Scam: छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) में हुए 660 करोड़ रुपए के घोटाले में जल्दी ही आईएएस और अन्य अधिकारियों से पूछताछ होगी। ( CG Scam) संदेह के दायरे में आने वाले आधा दर्जन से ज्यादा अफसरों को नोटिस जारी कर बुलवाया गया है। उपस्थिति दर्ज कराने पर उनका बयान दर्ज किया जाएगा। इस दौरान संतोषजनक जवाब नहीं देने पर गिरतार कर रिमांड पर लिया जाएगा।
बता दें कि इस घोटाले में ईओडब्ल्यू की ओर से विशेष न्यायाधीश की अदालत में शशांक चोपड़ा और पांच सरकारी अधिकारियों बसंत कुमार कौशिक, छिरोद रौतिया, कमलकांत पाटनवार, डॉक्टर अनिल परसाई और दीपक कुमार बंधे को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। वहीं 18 हजार पन्नों का चालन पेश किया जा चुका है। वहीं ईडी ने प्रकरण की जांच करने के लिए सप्ताहभर पहले रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर स्थित शशांक उनके रिश्तेदारों और सीजीएमएससी के एक अधिकारी के भाटागांव स्थित ठिकाने में छापामारा था। इस दौरान मिले इनपुट के आधार पर अफसरों की भूमिका तय करने उक्त लोगों को बुलवाया गया है।
सीजीएमएससी घोटाले में जेल भेजे गए आरोपियों से जेल में ईडी पूछताछ करेगी। इसके लिए विशेष न्यायाधीश की अदालत में आवेदन पेश करने की तैयारी चल रही है। बता दें कि दिसंबर 2024 में पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय गृह मंत्रालय, सीबीआई और ईडी मुयालय दिल्ली में सीजीएमएससी में हुए घोटाले की शिकायत की थी। इसके बाद राज्य सरकार के निर्देश पर ईओडब्ल्यू ने छापेमारी कर पांच लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की थी।
ईओडब्ल्यू जांच रिपोर्ट के दस्तावेजों के अनुसार सीजीएमएससी के अधिकारियों ने मोक्षित कॉर्पोरेशन को महज 27 दिनों में करीब 750 करोड़ रुपए का ऑर्डर दिया था। मेडिकल किट और उपकरणों की तत्काल ज़रूरत नहीं होने के बाद भी योजनाबद्ध तरीके से खरीदी कर इसे अस्पतालों में भेजा गया। मोक्षित कॉर्पोरेशन और श्री शारदा इंडस्ट्रीज ने मिलकर सीजीएमएससी में दवा आपूर्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया में मिलीभगत की। अधिकारियों ने फर्म के अनुसार टेंडर की शर्तें तय कीं, जिससे अन्य कंपनियां दौड़ से बाहर हो गईं। इस रणनीति से केवल मोक्षित और शारदा इंडस्ट्रीज को टेंडर मिला।
Updated on:
05 Aug 2025 12:55 pm
Published on:
05 Aug 2025 12:53 pm