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CG News: जनशिकायतों पर अफसरों का लापरवाह रवैया… रायपुर तहसील में 10 हजार मामले पेंडिंग

CG News: रायपुर तहसील कार्यालय में सबसे ज्यादा मामले लंबित हैं। यहां 10 हजार 807 मामले लंबित हैं। इनमें से अधिकांश आवेदन जमीन संबंधी हैं।

रायपुर तहसील में १० हजार मामले पेंडिंग (Photo source- Patrika)
रायपुर तहसील में १० हजार मामले पेंडिंग (Photo source- Patrika)

CG News: राजधानी के सरकारी कार्यालयों में अफसर शिकायत-आवेदन तो ले रहे हैं, लेकिन उन शिकायत आवेदनों से उनका कोई सरोकार नहीं है। पिछले 8 माह के आंकड़े देखकर तो यही लगता है। जनवरी से अगस्त 2025 तक रायपुर के अलग-अलग सरकारी कार्यालयों में लोग अपनी विभिन्न समस्याएं लेकर पहुंचे और उसके निराकरण के लिए आवेदन किया।

इन आवेदनों में से अधिकांश का अफसरों ने निराकरण ही नहीं किया है। मतलब उन आवेदनों पर किसी प्रकार का अब तक एक्शन नहीं हुआ है। अफसर केवल आवेदन ले रहे हैं, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इससे आम लोग बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं।

CG News: स्थिति ठीक नहीं

रायपुर नगर निगम में भी लोगों का काम नहीं हो पा रहा है। निगम के अफसरों के पास शिकायतें आती हैं, लेकिन उन शिकायतों का निराकरण नहीं होता। नगर निगम में पिछले 8 माह में कुल 6 हजार 408 आवेदन आए हैं। इनमें से 6 हजार 47 मामले लंबित है।

कहां-कहां हुई शिकायत-आवेदन

रायपुर तहसील, आरंग तहसील, नगर निगम रायपुर, बिरगांव नगर निगम, तिल्दा तहसील, मंदिरहसौद तहसील, नगर निगम के सभी जोन कार्यालय आदि अन्य कार्यालय शामिल हैं। इन स्थानों में लोगों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शिकायत आवेदन किया था।

सबसे अधिक मामले जमीन से संबधित

CG News: रायपुर तहसील कार्यालय में सबसे ज्यादा मामले लंबित हैं। यहां 10 हजार 807 मामले लंबित हैं। इनमें से अधिकांश आवेदन जमीन संबंधी हैं। इसके अलावा नामांतरण, बटांकन, मुआवजा, कब्जा दिलाने आदि जैसे मामले भी कई महीनों से लटके पड़े हैं। इसके बाद आरंग तहसील दूसरे नंबर पर है। यहां 6 हजार से अधिक मामले लंबित हैं।

जनवरी से अगस्त 2025 तक अलग-अलग विभागों में आम लोगों की कुल 52 हजार 413 शिकायत आवेदन मिली थी। इनमें से 47 हजार 518 आवेदनों पर अब तक एक्शन नहीं हुआ है। इन पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। इस कारण ये लंबित मामलों में शामिल हैं। इसके अलावा अधिकारियों ने 3471 आवेदनों को निरस्त कर दिया है। इन शिकायतों में ठोस आधार नहीं था।