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CG News: छत्तीसगढ़ में मधुमक्खियों का कहर, एक माह में 10 से ज्यादा मौतें, साल में 200 पार

CG News: मधुमक्खियों के हमले से 200 से ज्यादा लोग जान गंवाते हैं। किसी को इसके काटने से एलर्जी हो तो इलाज में लापरवाही न करें। तत्काल अस्पताल पहुंचकर विशेषज्ञ डॉक्टरों से इलाज जरूरी है

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CG News: छत्तीसगढ़ में मधुमक्खियों का कहर, एक माह में 10 से ज्यादा मौतें, साल में 200 पार

CG News: प्रदेश में मधुमक्खियों का हमला जानलेवा बनता जा रहा है। पिछले 10 दिनों में दो से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। वहीं, एक महीने में 10 से ज्यादा लोगों की जानें इसके हमले से गई हैं। कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। ये इलाज के बाद ठीक तो हो गए, लेकिन कुछ लोग डिप्रेशन का शिकार हो गए हैं। डॉक्टरों के अनुसार, पूरे सालभर में मधुमक्खियों के हमले से 200 से ज्यादा लोग जान गंवाते हैं। किसी को इसके काटने से एलर्जी हो तो इलाज में लापरवाही न करें। तत्काल अस्पताल पहुंचकर विशेषज्ञ डॉक्टरों से इलाज जरूरी है। जरा सी लापरवाही या देर करने पर व्यक्ति की मौत हो सकती है।

डॉक्टरों के अनुसार, मधुमक्खी के काटने को हल्के में नहीं लेना चाहिए। कई लोगों के लिए यह जहर बन जाता है। मधुमक्खियों के डंक में मौजूद जहर शरीर में एलर्जी और हार्ट फेल का खतरा बढ़ा सकता है। समय पर इलाज न मिलने से मौत भी हो सकती है।

मधुमक्खी के काटने के कई मामले आंबेडकर अस्पताल और निजी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मधुमक्खी के काटने के बाद समय पर इलाज कराना बहुत जरूरी है। एलर्जी और हार्ट फेल के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। मधुमक्खियों के हमले से बचने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है। जब आप खेत या जंगल में काम कर रहे हों, तो पूरी तरह से कपड़े पहनें और मधुमक्खियों के छत्ते से दूर रहें। अगर मधुमक्खी काट ले, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और इलाज शुरू करें। दर्द व सूजन लंबे समय तक बने रहें तो डॉक्टरी इलाज कराना जरूरी है।

मधुमक्खी के काटने से हार्ट फेल होने का खतरा होता है, लेकिन यह रेयर स्थिति है। इस स्थिति को कूनिस सिंड्रोम कहा जाता है, जिसमें एलर्जी की प्रतिक्रिया दिल का दौरा या हार्ट संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकती है। जरूरी है कि मधुक्खियों के डंक से बचा जाए।

  • डॉ. कृष्णकांत साहू, एचओडी कार्डियक सर्जरी एसीआई
इस पर भी ध्यान दें

मधुमक्खी के काटने के बाद सबसे पहले डंक को निकालना जरूरी है। डंक निकालने के लिए उंगलियों का इस्तेमाल न करें।

अगर मधुमक्खी के काटने के बाद सांस लेने में कठिनाई, चक्कर आना, या गंभीर एलर्जी के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

झुंड ने किया हमला

मधुमक्खी के डंक से एलर्जी की प्रतिक्रिया या एनाफिलेक्सिस नामक एक गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया हो सकती है। गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। जैसे पित्ती, गले या जीभ में सूजन, त्वचा का लाल होना, मितली, उल्टी, चक्कर। अस्पताल में ऐसे कई मरीज आते हैं। कुछ मामलों में मौत हो जाती है तो ज्यादातर इलाज के बाद ठीक हो जाते हैं।

  • डॉ. आरके पंडा, एचओडी रेस्पिरेटरी मेडिसिन आंबेडकर अस्पताल

सलौनी (मोंगरी) निवासी 70 वर्षीय व्यक्ति 11 दिनों पहले सुबह खेत की तरफ टहलने निकले थे, तभी पेड़ से अचानक निकले मधुमक्खियों के झुंड ने उन पर हमला कर दिया। वह किसी तरह घर पहुंचा। स्थानीय डॉक्टर से प्रारंभिक उपचार के बाद उन्हें आंबेडकर अस्पताल रायपुर में भर्ती किया गया। वह हमले के बाद होश में ही नहीं आया। इलाज के दौरान उनकी अस्पताल में मौत हो गई।

तीन दिनों पहले सूरजपुर जिले के एक राजनेता व जनरल प्रैक्टिशनर की मधुमक्खियों के काटने से मौत हो गई। 48 वर्षीय व्यक्ति एक बस्ती में मरीजों को इंजेक्शन लगाने गए थे, तभी मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया। अंबिकापुर रेफर करने के दौरान एक निजी अस्पताल में उनकी मौत हो गई। दरअसल मधुमक्खियों ने पेट, सिर सहित मसूड़े में कई जगहों पर काट लिया था।.