
CG News: छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना की रजत जयंती मना रहा है। पिछले 25 साल के दौरान कुपोषण, पलायन जैसे दंशों से मुक्ति की दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुए है। सभी के लिए छतीसगढ़ का विकसित और बदलता स्वरूप आकर्षण का केंद्र रहा है। इसके पीछे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल का सबसे अहम योगदान रहा। उनके कार्यकाल में नवा रायपुर ने आकार लिया।
नए विधानसभा के निर्माण को लेकर डॉ. सिंह ने कहा, मंत्रालय और संचालनालय के बीच में जो विधानसभा भवन बना है, वो पूरा एकात्म पथ है। इसे दिल्ली की तर्ज पर बनाया गया है। विधानसभा के बाहर खड़े होंगे, तो राजपथ की तर्ज पर नवा रायपुर का एकात्म पथ दिखता है। यहां छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा को दर्शाता है।
आज जब वे विधानसभा अध्यक्ष है, तो हमारा लोकतंत्र का मंदिर विधानसभा, अत्याधुनिक भवन में लगने के लिए तैयार है। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने ‘पत्रिका’ से खास बातचीत में अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा का निर्माण ‘मेक इन छत्तीसगढ़’ की तर्ज पर हुआ है। लोकतंत्र की मजबूरी के लिए विधानसभा अध्यक्ष स्वयं विधानसभा के सत्र की अवधि बढ़ाने के पक्ष में भी नजर आए। पेश है डॉ. रमन सिंह से पत्रिका छत्तीसगढ़ के राज्य संपादक गोविंद ठाकरे की विशेष बातचीत के प्रमुख अंश…
नवा रायपुर की परिकल्पना और उसे वास्तविक आकार देने के प्रश्न पर विधानसभा अध्यक्ष ने अपने पुराने अनुभव को विस्तार से साझा किया। डॉ. सिंह ने कहा, इसकी शुरुआत मेरे मुख्यमंत्री बनाने के बाद हुई। मुख्यमंत्री के रूप में जिस भवन में मैं कार्य करता था, वह पुराना अस्पताल था और जिस कक्ष में सीएम सचिवालय था, वह ऑपरेशन थियेटर। यहीं से नवा रायपुर के यात्रा शुरू हुई।
हमने ग्लोबल टेंडर जारी कर विशेषज्ञों को आमंत्रित किया। रायपुर से जुड़े क्षेत्र को ही ‘नवा रायपुर’ नाम दिया गया। हमने टीम बनाकर अन्य राजधानियों का अध्ययन किया और समझा कि ऐसी राजधानी चाहिए जो अगले 100 वर्षों तक की जरूरतें पूरी करे। यहां की ग्रीनरी के लोग कायल हैं। इसके पीछे प्रधानमंत्री का भी आशीर्वाद है।
जब वे नवा रायपुर आए, तो उन्होंने लगभग एक घंटे तक भ्रमण किया और सड़क नियोजन, वृक्षारोपण और बागवानी पर सुझाव दिए।
Updated on:
31 Oct 2025 10:17 am
Published on:
31 Oct 2025 10:16 am
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