Liquor Scam: प्रदेश में हुए 3200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में आरोपी बनाए गए 28 आबकारी अधिकारियों की जल्दी ही गिरफ्तारी होगी। ईओडब्ल्यू के अधिकारी इसकी तैयारियों में जुटे हुए हैं। गिरफ्तारी के बाद कुछ लोगों को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जाएगा।
सभी के खिलाफ 7 जुलाई को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने के बाद 10 जुलाई को राज्य सरकार ने सभी को निलंबित कर दिया। वहीं, गिरफ्तारी की आशंका के चलते सभी ने 18 जुलाई को विशेष न्यायाधीश की अदालत में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन लगाया था। इसमें सभी आरोपियों ने स्वयं को निर्दोष बताते हुए सेवाकाल के दौरान अपराध जैसा किसी भी तरह का काम नहीं करने और बीमारी का हवाला देते हुए पूछताछ के लिए बुलवाए जाने पर सहयोग करने का हवाला दिया था।
प्रमोद नेताम, नीतू नोतानी, एलएस ध्रुव, इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव, अरविंद कुमार पाटले, दिनकर वासनिक, नोहर ठाकुर, नवीन प्रताप तोमर, विकास गोस्वामी, रामकृष्ण मिश्रा, मंजूश्री कसेर, विजय सेन,अनिमेश नेताम, मोहित जायसवाल, गंभीर सिंह नुरूटी, नीतिन खंडुजा, अश्वनी कुमार अंनत, अंनत कुमार सिंह, सोनल नेताम, गरीब पाल सिंह, सौरभ बक्शी, जेठूराम मंडावी, देवलाल वैद्य, प्रकाश पाल, अलेख कुमार सिदार, आशीष कोसम, राजेश जायसवाल के नाम शामिल है।
शराब घोटाले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे चैतन्य, सेवानिवृत आईएएस अनिल टूटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर समेत 15 लोग जेल भेजे गए हैं। इस मामले में 29 अधिकारियों की गिरफ्तारी को लेकर सुगबुगाहट चल रही है। घोटाले में 70 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें से 15 लोग जेल, 29 आबकारी अधिकारी और 8 डिस्टलरी संचालक आरोपी बनाए गए है। वहीं, अन्य लोगों की भूमिका को जांच के दायरे में लिया गया है।
Published on:
13 Aug 2025 08:38 am