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MBBS एडमिशन नियमों में बड़ा बदलाव, सीट छोड़ने पर लगेगा 25 लाख तक का जुर्माना, जानें पूरी Details

NEET UG 2025: सरकारी मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश लेने वाले छात्रों को दूसरे व आखिरी राउंड में सीट छोड़ना भारी पड़ेगा। इस राउंड में सीट छोड़ने पर 20 से 25 लाख रुपए का जुर्माना लगेगा।

MBBS seat in cg
MBBS seat in cg ( File Photo - Patrika )

NEET UG 2025: सरकारी मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश लेने वाले छात्रों को दूसरे व आखिरी राउंड में सीट छोड़ना भारी पड़ेगा। इस राउंड में सीट छोड़ने पर 20 से 25 लाख रुपए का जुर्माना लगेगा। मेडिकल यूजी प्रवेश नियम 2025 में इसका प्रावधान किया गया है। यही नहीं, पहले राउंड में अगर किसी सरकारी कॉलेज में सीट मिली है तो प्रवेश लेना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने पर पूरी काउंसिलिंग प्रक्रिया से बाहर होना पड़ेगा। छात्रों को च्वॉइस फिलिंग से लेकर एडमिशन लेने तक जरूरी नियमों का पालन करना होगा।

NEET UG 2025: रहें अलर्ट…

ऐसा नहीं करने पर उन्हें नुकसान हो सकता है। पहले राउंड की आवंटन सूची 8 अगस्त को जारी की जाएगी। अच्छी रैंक वाले छात्र सरकारी कॉलेजों में प्रवेश लेते हैं। उन्हें इस बात का ध्यान रखना होगा कि अगर 10 सरकारी में किसी भी कॉलेज में सीट मिली है तो एडमिशन ले लें। इसके बाद उन्हें अपग्रेड होने का मौका मिलेगा। इसके लिए डीएमई कार्यालय मौका देगा।

रैंक के अनुसार, उन्हें दूसरा कॉलेज मिल सकता है। दूसरे राउंड में सीट छोड़ने पर जुर्माना का प्रावधान इसलिए है, क्योंकि एडमिशन के लिए तीसरे राउंड के बाद मापअप व स्ट्रे राउंड ही बचता है। अंतिम राउंड में प्रवेश लेने वाले भी सीट नहीं छोड़ सकते, क्योंकि इसके बाद एडमिशन के लिए समय ही नहीं बचता। सीटें छोड़ने पर उन्हें बांड की राशि जमा करनी होगी।

6200 छात्रों का रजिस्ट्रेशन

नए सत्र में प्रवेश के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का समय बीती रात खत्म हो गया है। करीब 6200 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। पिछले साल 5900 के करीब रजिस्ट्रेशन हुए थे। इस बार संख्या बढ़ी है। प्रदेश के 10 सरकारी व 4 निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 1980 सीटें हैं। इस साल 180 सीटें कम हो गई हैं।

रावतपुरा सरकार कॉलेज में जीरो ईयर के कारण 150 व सिम्स में जरूरी सुविधा व फैकल्टी नहीं होने के कारण 30 सीटें घटी हैं। पिछले साल भी 30 सीटें घटीं थी। स्टेट से होने वाली काउंसलिंग में स्टेट, मैनेजमेंट व एआरआई कोटे को भरा जाता है। 10 फीसदी गरीब सवर्णों की सीटें भी शामिल हैं। वहीं, 15 फीसदी सीटें ऑल इंडिया व 3 फीसदी सीटें सेंट्रल पुल के लिए हैं।

इन नियमों पर भी करें गौर

  • आरक्षित वर्ग के पास एडमिशन के समय जाति और निवासी प्रमाणपत्र जरूर हों।
  • जनरल कैटेगरी से एडमिशन ले रहे हैं तो भी छत्तीसगढ़ का मूल निवासी प्रमाणपत्र जरूरी।
  • सभी जरूरी दस्तावेज न होने पर छात्रों को एडमिशन से वंचित किया जा सकता है।
  • निजी मेडिकल कॉलेजों में मैनेजमेंट की सीटों पर दूसरे राज्यों के छात्रों को प्रवेश दे सकते हैं।
  • आखिरी राउंड में पहले से पंजीकृत छात्र-छात्राएं ही एडमिशन के लिए पात्र होंगे।
  • अंतिम आवंटन में छात्र को स्वयं उपस्थित होना होगा। अथॉरिटी लेटर नहीं चलेगा।
  • निर्धारित ऑनलाइन व पंजीयन शुल्क पटाना जरूरी, नहीं तो काउंसिलिंग के लिए अपात्र।