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गंगा-यमुना का जलस्तर धीरे-धीरे घटा, तीन दिन में राहत के आसार, अभी भी खतरे के पार

प्रयागराज में बाढ़ से लगभग 80 हजार लोग बेघर हो चुके हैं और 5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। शहर की 62 बस्तियों और जिले के 288 गांवों में पानी भरा हुआ है।

प्रयागराज में बीते एक हफ्ते से उफान पर रही गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर अब धीरे-धीरे घटने लगा है। सोमवार रात से जल स्तर में गिरावट शुरू हुई, और मंगलवार रात तक गंगा 11 सेंटीमीटर और यमुना 30 सेंटीमीटर कम हुई हैं। हालांकि, दोनों नदियां अभी भी खतरे के निशान से एक मीटर से ज्यादा ऊपर बह रही हैं।

बाढ़ की वजह से 80 हजार लोग बेघर

अब तक इस बाढ़ से लगभग 80 हजार लोग बेघर हो चुके हैं और 5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। शहर की 62 बस्तियों और जिले के 288 गांवों में पानी भरा हुआ है। 88 गांवों और मोहल्लों का अब भी संपर्क टूटा हुआ है, जिससे लोगों को राशन, दूध और जरूरी सामान की भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

राहत और बचाव कार्य तेज

प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। जिले में 21 बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां 9,400 से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं। राहत कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी के कुल 630 जवानों को तैनात किया गया है। 330 नावें और 28 मोटरबोट-स्ट्रीमर भी राहत कार्य में लगाई गई हैं।

अगले दो से तीन दिनों में मिलेगी राहत

जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि गंगा और यमुना का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है और अगले दो से तीन दिनों में और राहत मिलने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावितों के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके साथ ही बाढ़ के बाद गंदगी और बीमारियों को रोकने के लिए नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया गया है।