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खतरे के निशान से ऊपर पहुंचीं गंगा-यमुना, 5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित

प्रयागराज में गंगा और यमुना का पानी तेजी से फैल रहा है, जिससे शहर की 61 बस्तियों और 275 गांवों के करीब 5 लाख लोग प्रभावित हो चुके हैं। इनमें से लगभग 80 हजार लोग बेघर हो गए हैं। बाढ़ से बचाव के लिए जिले में 19 राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां अब तक 9,000 से ज्यादा लोग शरण ले चुके हैं।

Prayagraj Flood
Prayagraj Flood

उत्तर भारत के कई राज्यों में बीते एक सप्ताह से हो रही भारी बारिश के कारण गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। दोनों नदियां अब रौद्र रूप दिखा रही हैं और सोमवार सुबह तक जलस्तर साल 2013 के रिकॉर्ड को तोड़ने के करीब पहुंच गया।

प्रयागराज में बाढ़ की भयावह स्थिति

प्रयागराज में गंगा और यमुना का पानी तेजी से फैल रहा है, जिससे शहर की 61 बस्तियों और 275 गांवों के करीब 5 लाख लोग प्रभावित हो चुके हैं। इनमें से लगभग 80 हजार लोग बेघर हो गए हैं। बाढ़ से बचाव के लिए जिले में 19 राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां अब तक 9,000 से ज्यादा लोग शरण ले चुके हैं।

बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी की टीमें मैदान में हैं। लगभग 600 जवान, 250 नावें और 30 मोटरबोट व स्टीमर राहत कार्यों में जुटे हैं। कमिश्नर, डीएम, एडीएम सहित सभी अधिकारी भी लगातार प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं।

संचार सेवा पर भी असर

बाढ़ की वजह से कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बंद हो गई है, जिसका असर संचार सेवा पर भी पड़ा है। बीएसएनएल के कई मोबाइल टावर पानी में घिरे हैं, जिससे नेटवर्क सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। शहर के राजापुर, छोटा बघाड़ा और मांडा रोड इलाके के टावर पूरी तरह बंद हो चुके हैं। कुछ जगहों पर बैटरी बैकअप भी खत्म होने के कगार पर है।

बीएसएनएल की तैयारी

बीएसएनएल के जनसंपर्क अधिकारी आशीष गुप्ता ने बताया कि प्रधान महाप्रबंधक बीके सिंह ने सभी अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर हालात की समीक्षा की है। निर्देश दिए गए हैं कि जहां भी संभव हो, वहां डीजल से टावर चालू रखने की व्यवस्था की जाए ताकि लोगों को नेटवर्क की दिक्कत न हो।