नई दिल्ली। देश में खेल संघों में होने वाले विवाद और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार संसद के मानसून सत्र में नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल लेकर आ रही है। इससे सभी खेल संघों को मान्यता देने के साथ उनके फंडिंग स्तर पर सरकार का नियंत्रण हो जाएगा। साथ ही खेल संघ सूचना के अधिकार के दायरे में भी आ जाएंगे।
दरअसल, संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने वाला है। सत्र के दौरान सरकार की ओर से पेश होने वाले संभावित विधेयकों की सूची जारी कर दी गई है। इसमें खेल से जुड़े नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल और नेशनल एंटी डोपिंग संशोधन बिल शामिल है। इसके अलावा सत्र के दौरान मणिपुर के लिए केंद्र सरकार वित्त से जुड़ा एक विधेयक सूचीबद्ध है, जिससे मणिपुर में फिलहाल राष्ट्रपति शासन बरकरार रहने के संकेत मिलते हैं। वहीं इनकम टैक्स बिल पर सेलेक्ट कमेटी अपनी रिपोर्ट पेश कर सकती है, जिसके बाद इसके भी संसद में पेश होने की उम्मीद है।
विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि स्पोर्ट्स रेगुलेटरी बोर्ड ऑफ इंडिया बना सकेगी, जो राष्ट्रीय खेल संघों, भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन, राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति आदि खेल संघों को मान्यता देगा और उनके फंडिंग स्तरों को नियंत्रित करेगा। संघों को प्रशासन के लिए सर्वोच्च नैतिक, आर्थिक शासन मानकों का पालन अनिवार्य होगा। इसके साथ ही खेल संघों के भीतर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एथिक्स कमीशन और डिस्प्यूट रेजोल्यूशन कमीशन का प्रावधान किया है। राष्ट्रीय खेल संघों को सूचना के अधिकार कानून के तहत लाया जाएगा।
पिछले कुछ वर्षों के दौरान खेल संघों में भ्रष्टाचार, फेडरेशन राजनीति और पारदर्शिता की कमी के चलते खूब विवाद हुए हैं।
राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मुलाकात की। इसके बाद खरगे ने कहा कि 21 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र को विपक्ष सार्थक सत्र के रूप में शुरू करना चाहता है। इसके लिए कई रणनीतिक, राजनीतिक, विदेश नीति और सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर बहस और चर्चा ज़रूरी है, जो जनता के लिए बेहद चिंताजनक हैं। इसको लेकर उपराष्ट्रपति से सार्थक चर्चा हुई है।
Published on:
18 Jul 2025 03:24 pm