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500 रुपए के दो तरह के नोटों पर राज्यसभा में हंगामा

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया 500 रुपये के दो तरह के नोट छाप रहा है।

Manoj Kumar

Aug 08, 2017

नई दिल्ली। दो तरह के नोटों की छपाई को लेकर राज्यसभा में मंगलवार को भारी हंगामा हुआ। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) 500 रुपये के दो तरह के नोट छाप रहा है। सिब्बल ने एक प्लाकार्ड पर चिपकाए गए दो तरह के नोट दिखाते हुए कहा कि आरबीआई दो तरह के नोटों की छपाई कर रही है। इनके आकार और डिजाइन अलग हैं..यह कैसे संभव है? विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विमुद्रीकरण 'इस सदी का सबसे बड़ा घोटाला है'।

अन्य विपक्षी दल भी साथ आए

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तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ' ब्रायन, जनता दल-यूनाईटेड नेता शरद यादव और समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इस मामले को उठाने में कांग्रेस नेताओं का साथ दिया। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय मंत्रियों ने यह मुद्दा शून्य काल में और व्यवस्था के प्रश्न के तौर पर उठाए जाने का विरोध किया।

जेटली का विपक्ष पर बेकार के मुद्दे उठाने का आरोप

सदन के नेता अरुण जेटली ने विपक्ष पर सदन में हर रोज ऐसे 'बेकार' मुद्दे उठाने का आरोप लगाया। हंगामा न रुकते देख सभापति ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। लेकिन जब कार्यवाही फिर शुरू हुई, तब कांग्रेस सदस्य सरकार विरोधी नारे लगाते हुए सभापति के आसन तक पहुंच गए।

नकवी बोले- आपको जवाब मिलेगा

संसदीय मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अगर सदस्य इस मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं तो वे इसके लिए नोटिस दे सकते हैं। नकवी ने कहा कि आपको जवाब मिलेगा। हालांकि, इसके बावजूद विपक्ष के नेता नारेबाजी करते रहे, जिसके चलते राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

पीएम मोदी से मांगा स्पष्टीकरण

इसके बाद कपिल सिब्बल ने विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नोटबंदी के बाद 500 तथा 2000 रुपए के जो नोट छापे गये हैं , उनमें गड़बड़ी है। पांच सौ रुपए के तीन तरह के नोट बाजार में चल रहे हैं और दो हजार रुपए के नोटों में भी काफी फर्क है। यहां तक एक बंडल में एक ही मूल्य के क्रमवार रखे गए दो नोटों के डिजाइन, रूप-रंग और आकार में भी अंतर है। इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। देश की वित्तीय स्थिति पर भी सवाल उठ रहे हैं इसलिए प्रधानमंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए।

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