नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि पाकिस्तान के अपनी धरती पर मौजूद आतंकी ढांचे के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के कारण भारत ने अपनी संप्रभुता का प्रयोग करते हुए उसे जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की प्रतिक्रिया संतुलित, उकसावे से रहित और केवल आतंकवादी ढांचे को नष्ट करने तथा खतरों को समाप्त करने पर केंद्रित थी।
बिरला ने यह बातें संसद भवन में कोरिया गणराज्य के पूर्व प्रधानमंत्री किम बू क्यूम के नेतृत्व वाले एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में कही। बिरला ने जम्मू-कश्मीर में हुए हालिया आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों के मारे जाने की कड़ी निंदा की और कहा कि इस प्रकार की जघन्य घटनाएं अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अंतरात्मा को झकझोर देती हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की अटूट नीति को सख्ती से लागू किया जा रहा है, जिसके लिए सशक्त कानून और सक्षम संस्थाएं कार्यरत हैं। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में कोरिया से निरंतर समर्थन की आशा व्यक्त की। बिरला ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करने और हाल ही में अहमदाबाद में हुए विमान दुर्घटना पर संवेदना संदेश भेजने के लिए कोरियाई राष्ट्रीय विधानसभा के अध्यक्ष को धन्यवाद दिया। बिरला ने कोरिया की जनता को राष्ट्रपति चुनाव के सफल आयोजन पर बधाई दी और भारतीय संसद की ओर से नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ली जे-म्युंग को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने विश्वास जताया कि ली के नेतृत्व में भारत-कोरिया संबंध और अधिक प्रगाढ़ होंगे।
कोरियाई राष्ट्रीय विधानसभा में कोरिया-भारत संसदीय मैत्री समूह के गठन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बिरला ने जानकारी दी कि भारतीय संसद में भी ऐसा ही एक समूह गठित करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ये तंत्र संसदीय आदान-प्रदान और आपसी सहयोग को और अधिक गहरा करेंगे।
गुरुग्राम. लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की यात्रा में युवाओं को सही मार्गदर्शन, तकनीकी सहयोग और नीति-निर्माण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अंत्योदय" (अंतिम व्यक्ति का उत्थान) की भावना को चरितार्थ करने की हमारी साझा जिम्मेदारी है। इस मामले में जैन समुदाय के प्रयास प्रेरक और अनुकरणीय हैं। बिरला ने यह बातें गुरुग्राम में जैन अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन की ओर से आयोजित यूथ कॉन्क्लेव में कही। बिरला ने कहा कि जैन अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन एक ऐसी संस्था है, जहां नवाचार, जैन सिद्धांत, जैन विचार, जैन संतों की शिक्षाएं और भगवान महावीर के दर्शन एक साथ आते हैं।
Published on:
19 Jul 2025 11:15 am