Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मिले उचित स्थान

-ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टार्मर ने भारत दौरे पर दिया बड़ा बयान -स्टार्मर बोले- भारत के साथ पश्चिम एशिया में शांति और यूक्रेन संघर्ष पर भी हुई चर्चा

2 min read
Google source verification

नई दिल्ली। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को उचित स्थान मिलने की वकालत की है। उन्होंने भारत दौरे पर बयान जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और दृष्टि की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि आपका “विकसित भारत” का लक्ष्य है कि 2047 तक भारत को पूरी तरह विकसित देश बनाया जाए। मैंने यहां जो कुछ भी देखा है, वह इस बात का सबूत है कि आप सही रास्ते पर हैं और सफलता की ओर बढ़ रहे हैं। हम इस सफर में आपके साझेदार बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रमंडल और जी20 जैसे मंचों पर साथ हैं, और हम चाहते हैं कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसका उचित स्थान मिले।

भारत–ब्रिटेन व्यापार साझेदारी

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा और महत्वाकांक्षी व्यापार समझौता है। मैं प्रधानमंत्री मोदी को इस साझेदारी के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। यह दोनों देशों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। पिछले दो दिनों में भारत और ब्रिटेन के व्यापारिक नेताओं के बीच हुई बातचीत बहुत उपयोगी रही। सहयोग और नए विचारों का उत्साह साफ दिखा।

यात्रा का महत्व

उन्होंने कहा कि जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन यात्रा की मेजबानी करना मेरे लिए सम्मान की बात थी। अब कुछ महीनों बाद भारत आकर मुझे खुशी हो रही है। हम मुंबई में मिल रहे हैं, जो भारत की आर्थिक और वित्तीय राजधानी है। यह अपने आप में प्रतीक है कि भारत की विकास यात्रा कितनी शानदार है।

व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता

स्टार्मर ने कहा कि हाल ही में हस्ताक्षरित भारत–ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौतानएक ऐतिहासिक कदम है। हम एक आधुनिक साझेदारी बना रहे हैं, जो भविष्य पर केंद्रित है और नए अवसरों को मिलकर अपनाने के लिए तैयार है। यह समझौता सिर्फ कागज़ पर लिखे शब्दों तक सीमित नहीं, बल्कि विश्वास और साझेदारी की भावना का प्रतीक है।

वैश्विक स्थिरता और सुरक्षा में सहयोग

उन्होंने कहा कि आज की अनिश्चित दुनिया में भारत और ब्रिटेन की साझेदारी स्थिरता और आर्थिक प्रगति का एक मजबूत स्तंभ बनी हुई है। हमने इंडो-पैसिफिक और पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता पर चर्चा की, साथ ही यूक्रेन संघर्ष पर भी विचार साझा किए। भारत संवाद और कूटनीति के ज़रिए शांति बहाल करने के हर प्रयास का समर्थन करता है।