
प्रेम शुक्ल(राष्ट्रीय प्रवक्ता, भारतीय जनता पार्टी)
15 अगस्त 2025 को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का संबोधन न केवल स्वतंत्रता दिवस की परंपरा का हिस्सा था, बल्कि यह एक नई क्रांति का आगाज था। सूरज की पहली किरण जैसे अंधेरे को चीरती है और जीवन में एक नई सुबह होती है। वैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 'जीएसटी सुधारों' की घोषणा करके आम आदमी के जीवन को रोशन करने का कार्य किए हैं। देश में 1 जुलाई, 2017 का दिन भारत के आर्थिक इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में आज भी दर्ज है। इस दिन गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू होने के साथ ही भारत ने 'एक राष्ट्र-एक कर' के सपने को साकार किया। पहले देश में कई तरह के कर वैट, सर्विस टैक्स, एक्साइज ड्यूटी जैसे अनेक कर की भूलभुलैया देखने को मिली थी, जिससे व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। जीएसटी ने इन सभी को एकीकृत कर एक पारदर्शी, सरल और तकनीक-आधारित कर प्रणाली की नींव रखी हैं। इससे न केवल व्यापार करना आसान हुआ, बल्कि छोटे-बड़े सभी व्यवसायियों को एक समान मंच भी मिला है।
दिवाली की जगमगाहट और छठ पूजा की पवित्रता से ठीक पहले, जब पूरा देश रोशनी और उल्लास की तैयारी में जुटा हुआ है, तब मोदी सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है जो न सिर्फ अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि हर आम आदमी के घर में खुशियों की लौ जला देगा। जीएसटी दरों में किए गए हालिया संशोधन द्वारा कई आवश्यक वस्तुओं पर वर्तमान कर 12-18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत तथा कई वस्तुओं पर शून्य कर दिया गया है। यह एक सच्ची 'जीएसटी दिवाली' है। जीएसटी संशोधन सिर्फ एक आर्थिक फैसला नहीं, बल्कि त्योहारों की भावना से जुड़ा एक मोदी सरकार का उपहार है। जहां साफ देखने को मिलता है कि इस संशोधन से अंधेरा छटेगा, और उम्मीद की किरणें फैलेगी। भाजपा सरकार ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि विकास का मतलब सिर्फ आंकड़ों से नहीं, बल्कि हर घर की खुशहाली से है। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शी नीति का प्रमाण है, जो 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' के मंत्र को साकार कर रहा है। नए जीएसटी संशोधन में निजी जीवन बीमा पॉलिसी, चाहे वे टर्म लाइफ, यूएलआईपी या एंडोमेंट पॉलिसी हों, सभी पर छूट प्रदान की गई है, जिससे आम आदमी के लिए बीमा को किफायती बनाया गया है। आम आदमी की कई वस्तुएं जैसे हेयर ऑयल, टॉयलेट सोप बार, शैंपू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, साइकिल, टेबलवेयर, किचनवेयर, अन्य घरेलू सामान पर जीएसटी 18% या 12% से घटाकर 5% किया गया है।दूध या पहले से पैक और लेबल वाला छेना या पनीर पर जीएसटी 5% से घटाकर शून्य कर दिया गया है। भारतीय ब्रेड पर भी जीएसटी हटा दिया गया है। जीएसटी में इस तरह के संशोधन का सबसे बड़ा लाभ मध्यम और निम्न-आय वर्ग के परिवारों को होगा। यह बचत, चाहे छोटी ही सही, उनके लिए अतिरिक्त खर्च या निवेश का अवसर लाएगी। नए जीएसटी संशोधन में लगभग सभी खाद्य पदार्थों जैसे पैकेज्ड नमकीन, भुजिया, सॉस, पास्ता, इंस्टेंट नूडल्स, चॉकलेट, कॉफी, संरक्षित मांस, कॉर्नफ्लेक्स, मक्खन, घी आदि पर जीएसटी 12% या 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। यह बदलाव आम भारतीय परिवारों के लिए एक बड़ी राहत है। जीएसटी संशोधन में उपभोक्ता वस्तुओं को भी सस्ता किया गया है। एयर कंडीशनिंग मशीन, 32 इंच के टीवी (सभी टीवी पर अब 18% कर), डिशवॉशिंग मशीन, छोटी कार, 350 सीसी या उससे कम क्षमता वाली मोटरसाइकिल पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है। यह कदम मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं को एक नया उड़ान देता है। एक मध्यम वर्गीय परिवार, जो लंबे समय से नया टीवी या कार खरीदने का सपना देख रहा था, अब इसे और आसानी से प्राप्त कर सकेगा। कृषि क्षेत्र, जो भारत की आत्मा है, इनको भी इन सुधारों से विशेष लाभ होगा। कृषि वस्तुओं, मिट्टी तैयार करने या जुताई के लिए ट्रैक्टर, कृषि, बागवानी या वानिकी मशीनरी, कटाई या थ्रेसिंग मशीनरी, जिसमें पुआल या चारा बेलर, घास काटने की मशीन, कंपोस्ट मशीन आदि शामिल हैं, इन पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। देश में 33 जीवनरक्षक दवाओं और औषधियों पर जीएसटी 12% से घटाकर शून्य कर दिया गया है। यह बचत देशवासियों को स्वस्थ जीवन के साथ साथ त्योहारों में भी रंग भर देगी।
देश में जीएसटी के लागू होने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंत्र 'रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म' पूरी तरह से चरितार्थ हुआ है। इस सुधार ने भारत की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार दी और देश को विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल किया है। आज भारत वैश्विक आर्थिक सुस्ती के दौर में भी स्थिरता और विकास का प्रतीक बना हुआ है। जीएसटी ने टैरिफ के दबाव को कम करके उद्यमियों को नवाचार और विकास के लिए प्रोत्साहित किया है। वर्ष 2024-25 में, सकल जीएसटी संग्रह रिकॉर्ड ₹22.08 लाख करोड़ तक पहुँच गया, जो साल-दर-साल 9.4 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। यह वृद्धि अर्थव्यवस्था के बढ़ते औपचारिकीकरण और बेहतर कर अनुपालन को दर्शाती है। जीएसटी का प्रभाव केवल आर्थिक ही नहीं, सामाजिक भी है। इसने राज्यों के बीच व्यापारिक बाधाओं को खत्म कर 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की भावना को मजबूत किया है। डिजिटल तकनीक के माध्यम से जीएसटी पोर्टल ने करदाताओं को एक ऐसा मंच दिया, जहां वे आसानी से अपने करों का प्रबंधन कर सकते हैं। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां पारदर्शिता और जवाबदेही हर नीति का आधार है। आज जब हम नए भारत की ओर बढ़ रहे हैं, जीएसटी जैसी पहल हमें यह विश्वास दिलाती है कि भारत न केवल आर्थिक महाशक्ति बनने की राह पर है, बल्कि यह वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में भी सक्षम है। जीएसटी नीति की सराहना अंतरराष्ट्रीय संस्था भी कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुख्य अर्थशास्त्री रहे मॉरिस ऑब्स्टफेल्ड ने भी जीएसटी की सराहना की थी। जीएसटी में हालिया संशोधन भाजपा की उस दूरदृष्टि का प्रतीक है, जो भारत को समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। ये जीएसटी संशोधन केवल कर कटौती तक सीमित नहीं हैं, यह एक बड़े आर्थिक दृष्टिकोण का हिस्सा बन गए हैं। मगर याद कीजिए, जब वर्ष 2017 में जीएसटी लागू हुआ था, तो विपक्ष ने इसे 'गब्बर सिंह टैक्स' कहकर बदनाम करने का प्रयास किया था, कुछ दलों ने इसका विरोध भी किया था मगर आज मोदी सरकार की दूरदर्शिता से यह 'गुड एंड सिंपल टैक्स' बन चुका है। भाजपा सरकार ने इसे सरल और जन-हितैषी बनाया है जिससे छोटे व्यापारी, जो दिवाली के मौसम में सबसे ज्यादा व्यस्त रहते हैं, अब कम जीएसटी से अपनी दुकानों को और चमका सकेंगे। महिलाएं, जो घर की अर्थव्यवस्था संभालती हैं, इस बचत से परिवार की खुशियां दोगुनी कर सकेंगी। यह 'आत्मनिर्भर भारत' की सच्ची तस्वीर है, जहां सरकार का हर कदम आम आदमी को सशक्त बना रहा है। यह कदम भारत को आत्मनिर्भरता की दिशा में और मजबूती देगा, रोजगार व निवेश को बढ़ावा देगा एवं देश के करोड़ों परिवारों के जीवन में नई खुशियां लेकर आएगा।
दिवाली से ठीक पहले जीएसटी संशोधन का फैसला जैसे लक्ष्मी मां का आशीर्वाद की तरह है, जो घर-घर में समृद्धि ला रहा है। इस दिवाली और छठ पर जब आप दीये जलाएं या सूर्यदेव को अर्घ्य दें, तो याद रखें। सरकार ने पहले ही सब कुछ रोशन कर दिया है। जीएसटी का यह संशोधन आम आदमी की जिंदगी में नई चमक लाएगा। यह वास्तव में हर भारतीय के लिए एक उत्सव का अवसर है। यह सुधार भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस दीवाली, जब हर घर में खुशियां बिखरेंगी, यह जीएसटी सुधार देशवासियों के लिए आर्थिक समृद्धि और स्थिरता का प्रकाश लेकर आएगा।
Updated on:
05 Sept 2025 09:54 pm
Published on:
05 Sept 2025 09:49 pm
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