बीकानेर में लोक देवता बाबा रामदेवजी के भाद्रपद मेले को लेकर पैदल यात्रियों की रवानगी का क्रम जारी है। पैदल मार्ग पर पग-पग पर सेवादारों के जत्थे सेवाओं के लिए जुट गए है। पैदल यात्रियों की सेवाओं के लिए मार्ग में जगह-जगह सेवादारों की मंडलियां सेवाएं उपलब्ध करवाने में जुट गई है। फोटो-नौशाद अली
बीकानेर में लोक देवता बाबा रामदेवजी के भाद्रपद मेले को लेकर पैदल यात्रियों की रवानगी का क्रम जारी है। पैदल मार्ग पर पग-पग पर सेवादारों के जत्थे सेवाओं के लिए जुट गए है। पैदल यात्रियों की सेवाओं के लिए मार्ग में जगह-जगह सेवादारों की मंडलियां सेवाएं उपलब्ध करवाने में जुट गई है। फोटो-नौशाद अली
बीकानेर.वाहनों पर रामदेव की ध्वजा और संघों के बैनर टंगे हुए हैं। इस अभूतपूर्व नजारे को देखने दुपहिया, तिपहिया और चौपहिया वाहनों पर शहर के लोग भी जैसलमेर मार्ग पर पहुंचे। फोटो-नौशाद अली
बीकानेर.पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर भारत और उत्तरी राजस्थान से निकले हजारों श्रद्धालु जब शनिवार को बीकाणा पहुंचे, तो जैसलमेर मार्ग से लेकर गोचर तक सड़कों पर मानो श्रद्धा का जनसागर उमड़ आया। पूगल फांटा से नाल तक पदयात्रियों की कतारें ही कतारें। ध्वजा थामे संघ, उनके साथ चल रहे वाहन जिन पर टंगे हैं रामदेवजी के बैनर।फोटो-नौशाद अली
खम्मा-खम्मा हो म्हारा रूणिचै रा धणिया…बीकानेर में लोक देवता बाबा रामदेवजी के भाद्रपद मेले को लेकर पैदल यात्रियों की रवानगी का क्रम जारी है। पैदल मार्ग पर पग-पग पर सेवादारों के जत्थे सेवाओं के लिए जुट गए है। पैदल यात्रियों की सेवाओं के लिए मार्ग में जगह-जगह सेवादारों की मंडलियां सेवाएं उपलब्ध करवाने में जुट गई है। पद यात्रियों के लिए जल, चाय, नाश्ता, भोजन, ठहरने,मेडिकल आदि की सेवाएं दी जा रही है। हाथों में ध्वजा लिए यात्री पैदल रामदेवरा जा रहे है। इस दौरान नाल रोड पर पैदल जा रहे यात्री। फोटो-नौशाद अली
बीकानेर. आस्था की ऐसी बयार बही कि धोरों की रेत भी भाव से भीग उठी। कोई पीठ पर बैग लटकाए चला जा रहा था, कोई कंधे पर बच्चा, तो कोई पालने में झूलते नन्हे को लेकर…लेकिन सबके होठों पर एक ही नाम—’’जय बाबे री.फोटो-नौशाद अली