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क्या दीघा और पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तरह होगा बंगाल का दुर्गा आंगन मंदिर ? पर्यटन विभाग का मेगा प्रोजेक्ट

Durga Angan Jagannath Digha Temple Design: पश्चिम बंगाल सरकार 'दुर्गा आंगन' नाम से एक नया मंदिर बनाने जा रही है। यह मंदिर पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर बनने की उम्मीद की जा रही है।

भारत

MI Zahir

Aug 14, 2025

Durga Angan Jagannath Digha Temple Design
पुरी के जगन्नाथ मंदिर का डिजाइन। (फोटो: X Handle Vibhu Vashisth

Durga Angan Jagannath Digha Temple Design: पश्चिम बंगाल सरकार अब एक नया धार्मिक, सांस्कृतिक व पर्यटन स्थल विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। दीघा में भगवान जगन्नाथ मंदिर के बाद अब राज्य में एक भव्य 'दुर्गा आंगन' (Durga Angan Temple West Bengal)से पहले दीघा में जो जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) बना था, उसका निर्माण भी हिडको ने ही किया था। मंदिर बनाया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि यह मंदिर पुरी के जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple Digha Design) की तरह होगा। ​पुरी के जगन्नाथ मंदिर की बनावट कलिंग शैली (Kalinga Architecture India) में की गई है, जो ओडिशा की पारंपरिक मंदिर निर्माण शैली है। यह शैली भव्यता, ऊंचे शिखरों और जटिल नक्काशियों के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर एक विशाल परिसर में बना है और लगभग 400,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है। इसकी ऊँचाई लगभग 65 मीटर (214 फीट) है और मुख्य शिखर के ऊपर नीलचक्र और पताका (ध्वज) लगा हुआ है।

पुरी की तरह है दीघा का आकर्षक जगन्नाथ मंदिर (Durga Temple Tourism Bengal)

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से बनवाया गया दीघा का जगन्नाथ मंदिर एक नया और आकर्षक धार्मिक स्थल है, जो ओडिशा के पुरी स्थित पारंपरिक जगन्नाथ मंदिर से प्रेरित होकर बनाया गया है। यह मंदिर अभी अपेक्षाकृत नया है, लेकिन राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसे एक महत्वाकांक्षी परियोजना के रूप में विकसित किया गया है। यह मंदिर पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले में स्थित प्रसिद्ध समुद्र तटीय पर्यटन स्थल दीघा में बनाया गया है।

समुद्र तट के पास होने की वजह से पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र

दीघा का जगन्नाथ मंदिर समुद्र तट के पास होने की वजह से यह धार्मिक स्थल के साथ-साथ पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।इस मंदिर का निर्माण WBHIDCO (West Bengal Housing Infrastructure Development Corporation) ने किया गया है। यह राज्य सरकार की पर्यटन विकास परियोजना का हिस्सा है। मंदिर की बाहरी संरचना और शिखर पुरी के भगवान जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर डिजाइन किए गए हैं। वहीं वास्तुशिल्प शैली में ओडिशा की पारंपरिक कलिंग आर्किटेक्चर की झलक मिलती है। शिखर पर की गई संगमरमर या लाल बलुआ पत्थर की नक्काशी बहुत खूबसूरत है।

दुर्गा आंगन मंदिर के प्रस्ताव को कैबिनेट से मिल चुकी मंजूरी

दुर्गा आंगन मंदिर के प्रस्ताव को राज्य की कैबिनेट मंजूरी दे चुकी है। राज्य के बिजली मंत्री अरूप विश्वास बता चुके हैं कि इस दुर्गा मंदिर का निर्माण पर्यटन विभाग और हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कॉर्पोरेशन (WBHIDCO) मिलकर करेंगे। इसके लिए एक संयुक्त ट्रस्ट का गठन किया जाएगा, जो परियोजना की निगरानी और निर्माण कार्य की पूरी जिम्मेदारी संभालेगा।

क्या दीघा के जगन्नाथ मंदिर जैसा हो सकता है मॉडल ?

हालांकि उस समय सरकार को मंदिर निर्माण के लिए राज्य के कोष से खर्च करने को लेकर विपक्ष के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा था। विरोध से बचने के लिए मंदिर को सरकारी रिकॉर्ड में 'श्री जगन्नाथ धाम सांस्कृतिक केंद्र' कहा गया। लेकिन 'धाम' शब्द को लेकर भी विवाद हुआ, क्योंकि धार्मिक मान्यता के अनुसार भारत में सिर्फ चार धाम (बद्रीनाथ, रामेश्वरम, द्वारका और पुरी) ही आधिकारिक रूप से ‘धाम’ कहे जा सकते हैं।

पुरी के जगन्नाथ मंदिर से मिल सकती है प्रेरणा

ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर भारत के चार धामों में से एक है। यह मंदिर अपने विशाल रथ यात्रा उत्सव के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस मंदिर की कलिंग शैली की वास्तुकला, विशाल शिखर और धार्मिक परंपराएं इसे विशेष बनाती हैं। यहां हर 12 साल में मूर्तियों को बदलने की परंपरा है, जिसे 'नवकलेवर' कहा जाता है।

सांस्कृतिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

अगर 'दुर्गा आंगन' मंदिर का निर्माण पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर होता है, तो यह बंगाल के लिए बड़ा पर्यटन केंद्र बन सकता है। इससे न केवल राज्य की संस्कृति और परंपराएं सामने आएंगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोज़गार को भी बढ़ावा मिलेगा।

सांस्कृतिक और पर्यटन विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

बहरहाल 'दुर्गा आंगन' मंदिर परियोजना केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और पर्यटन विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। अब देखना यह होगा कि सरकार इसे किस स्थान पर बनाती है और इसकी भव्यता पुरी के मंदिर जैसी हो पाती है या नहीं।