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राजस्थान के इन 14 जिलों में लगेंगे Water ATM, पेयजल किल्लत होगी दूर, जानें कैसे मिलेगा पानी?

पेयजल संकट से जूझ रहीं शहरों की बस्तियों में वाटर एटीएम लगाने की तैयारी की जा रही है। शुरुआत में 14 जिलों की 85 छोटी बस्तियों को इसके लिए चिन्हित किया गया है।

Water-ATM
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Photo Source: AI

जयपुर। पेयजल संकट से जूझ रहीं शहरों की बस्तियों में वाटर एटीएम लगाने की तैयारी की जा रही है। शुरुआत में 14 जिलों की 85 छोटी बस्तियों को इसके लिए चिन्हित किया गया है। ये बस्तियां जयपुर, अजमेर, चूरू, खैरथल-तिजारा, कोटपूतली, सीकर, जालोर, सिरोही, बूंदी, कोटा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, उदयपुर, प्रतापगढ़ में हैं।

सबसे ज्यादा 29 बस्तियां कोटा में है। भाजपा के चुनाव संकल्प पत्र में दो हजार वाटर एटीएम लगाने की घोषणा की गई थी। आगामी चरणों में अन्य नगर निकायों की बस्तियों को शामिल किया जाएगा।

अभी यह स्थिति

राज्य के कई शहरी इलाकों में बस्तियों में पेयजल की व्यवस्था नहीं है। कई जगहों पर लोग अस्थायी स्रोतों से पानी भरने को मजबूर हैं। कुछ क्षेत्रों में टैंकरों से अस्थायी आपूर्ति की जाती है, लेकिन वह भी नियमित नहीं हो पाती।

इन जिलों में लगेंगे वाटर एटीएम

प्रदेश के कोटा जिले में 29, अजमेर जिले में 12, राजसमंद जिले में 11, उदयपुर जिले में 6, खैरथल-तिजारा जिले में 5, कोटपूतली जिले में 5, बूंदी जिले में 3, सीकर जिले में 3, जालोर जिले में 3, जयपुर जिले में 3, सिरोही जिले में 2, चूरू, चितौड़गढ़ व प्रतापगढ़ जिले में 1-1 वाटर एटीएम लगाए जाएंगे।

वॉटर एटीएम क्या है और कैसे करता है काम?

यह एक वाटर कूलर जैसी मशीन है। जिसे उन स्थानों पर लगाया जाता हैं, जहां स्वच्छ पानी मिलना किसी चुनौती से कम नहीं है। जैसे रेलव स्टेशन, बस स्टैंड, भीड़वाड़ वाले सार्वजनिक स्थान और ग्रामीव व शहरी झुग्गी क्षेत्र।

वॉटर एटीएम से पानी निकालने के लिए सिक्के का उपयोग करना होता है। राशि के आधार पर उपयोगकर्ता अपनी आवश्यकतानुसार पानी प्राप्त कर सकते हैं। मशीन में जल शुद्धिकरण तकनीकों का उपयोग किया जाता है, ताकि उपयोगकर्ताओं को शुद्ध पानी मिल सके।