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रेप केस में फंस चुके हैं भारत के ये बड़े नेता, लिस्ट में स्वामी नित्यानंद-गायत्री प्रजापति के नाम भी शामिल

Rape Cases: किसी भी व्यक्ति को तब तक दोषी नहीं माना जा सकता जब तक अदालत में आरोप साबित न हो जाए। कुछ नेता आरोप से बरी हो चुके हैं, और कुछ मामलों में जांच अब भी चल रही है।

रेप केस में फंस चुके बड़े नेता (Patrika Graphic)

Prajwal Revanna: बेंगलुरु की एमपी/एमएलए विशेष अदालत ने शनिवार को पूर्व जेडी(एस) सांसद प्रज्वल रेवन्ना को दुष्कर्म और अश्लील वीडियो मामले में मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया, जिसमें से 7 लाख रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे। न्यायाधीश संतोष गजानन भट ने यह फैसला सुनाया।

रेप और यौन उत्पीड़न के आरोप

प्रज्वल को आईपीसी की धारा 376(2)(एन) (बार-बार दुष्कर्म) और 376(2)(के) (प्रभुत्व का दुरुपयोग कर दुष्कर्म) के तहत दोषी ठहराया गया। दोनों धाराओं में आजीवन कारावास और 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। अदालत ने यौन उत्पीड़न, वॉयरिज्म, और आईटी एक्ट के तहत भी सजा सुनाई। यह मामला के.आर. नगर की एक 47 वर्षीय घरेलू सहायिका की शिकायत पर आधारित है, जिसने 2021 में हासन और बेंगलुरु में दुष्कर्म का आरोप लगाया।

प्रज्वल का भावुक बयान

सजा से पहले प्रज्वल ने अदालत में रोते हुए कहा, यह मामला चुनाव के समय ही क्यों उठा? सांसद रहते कोई शिकायत नहीं थी। यह राजनीतिक साजिश है। उन्होंने अपनी मेधावी पढ़ाई और तेजी से राजनीतिक उन्नति को अपनी गलती बताया।

जानिए क्या है पूरा मामला

2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रज्वल के अश्लील वीडियो वायरल हुए, जिसमें कथित तौर पर कई महिलाओं का यौन उत्पीड़न दिखा। इसके बाद वह जर्मनी भाग गए थे। 31 मई 2024 को बेंगलुरु लौटने पर उनकी गिरफ्तारी हुई। विशेष जांच दल (SIT) ने 26 साक्ष्यों और 180 दस्तावेजों के आधार पर मुकदमा चलाया। प्रज्वल पर तीन अन्य समान मामले भी लंबित हैं।

कई बड़े नेताओं का नाम रेप केस में

यहां उन प्रमुख भारतीय नेताओं की सूची दी जा रही है जिनके नाम बलात्कार या यौन उत्पीड़न के मामलों में सामने आ चुके हैं। इनमें से कुछ को दोषी ठहराया जा चुका है, जबकि कई मामलों में अब भी जांच या अदालती कार्रवाई चल रही है। ये जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध खबरों और कोर्ट के रिकॉर्ड पर आधारित है।

कुलदीप सिंह सेंगर (पूर्व विधायक, भाजपा – उन्नाव, यूपी)
केस: उन्नाव रेप केस (2017)
आरोप: नाबालिग लड़की से बलात्कार
स्थिति: दोषी सिद्ध, दिल्ली की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई

गायत्री प्रसाद प्रजापति (पूर्व मंत्री, समाजवादी पार्टी – यूपी)
केस: महिला से गैंगरेप और ब्लैकमेलिंग
आरोप: महिला ने कहा कि मंत्री और उसके साथियों ने बार-बार बलात्कार किया
स्थिति: कोर्ट ने दोषी ठहराया, उम्रकैद की सजा

चिन्मयानंद (पूर्व केंद्रीय मंत्री, भाजपा)
केस: लॉ छात्रा से यौन शोषण (2019)
आरोप: महिला ने वीडियो सबूत के साथ शोषण का आरोप लगाया
स्थिति: गिरफ्तारी हुई, बाद में जमानत मिली, केस लंबित

डीके शिवकुमार (कांग्रेस नेता, कर्नाटक)
केस: महिला ने 2023 में रेप और धमकी का आरोप लगाया
स्थिति: जांच जारी, शिवकुमार ने आरोपों को खारिज किया

नारायण साईं (आसाराम का बेटा)
केस: दो महिलाओं से बलात्कार
स्थिति: दोष सिद्ध, उम्रकैद

स्वामी नित्यानंद (धार्मिक नेता, राजनीतिक संपर्कों के साथ)
केस: कई महिलाओं द्वारा बलात्कार और यौन शोषण के आरोप
स्थिति: फरार, इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी

राजा भैया (निर्दलीय विधायक, यूपी)
केस: महिला ने 2019 में रेप केस दर्ज कराया
स्थिति: सबूतों के अभाव में केस खारिज

जरूरी सूचना

किसी भी व्यक्ति को तब तक दोषी नहीं माना जा सकता जब तक अदालत में आरोप साबित न हो जाए। कुछ नेता आरोप से बरी हो चुके हैं, और कुछ मामलों में जांच अब भी चल रही है।

शिकायत और कार्रवाई

शिकायत कैसे करें: अगर कोई नेता रेप केस में शामिल है, तो पीड़ित निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं।
FIR दर्ज करें: नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करें। भारतीय कानून में रेप की शिकायत के लिए FIR तुरंत दर्ज करना अनिवार्य है।
हेल्पलाइन: महिला हेल्पलाइन नंबर (181) या राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) से संपर्क करें।