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कर्ज में गले तक डूबा है अमेरिका! कंपनियां हो रहीं दिवालिया, Donald Trump देख नहीं पाएंगे ये आंकड़े

Dead Economy: अमेरिका बढ़ते कर्ज की समस्या से जूझ रहा है। अमेरिका पर उसकी जीडीपी से भी अधिक कर्ज हो गया है। वहीं, अमेरिका में बड़ी संख्या में कंपनियां दिवालिया हो रही हैं।

भारत

Pawan Jayaswal

Aug 01, 2025

is india dead economy
अमेरिकी इकोनॉमी में कर्ज तेजी से बढ़ रहा है। (PC: Washington Post)

दुनिया के कई देशों के साथ मनमानी शर्तों पर ट्रेड डील करने में सफल रहे डोनाल्ड ट्रंप को भारत से मोलभाव करने में परेशानी हो रही है। ट्रेड डील के लिए पांच दौर की बातचीत में भारत के अपनी शर्तों पर अडिग रहने के कारण राष्ट्रपति ट्रंप झल्ला गए हैं। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने गुरुवार को कहा कि भारत के साथ व्यापार को लेकर ट्रंप की पूरी टीम बहुत नाराज और परेशान हैं। राष्ट्रपति ट्रंप इतने झल्ला गए हैं कि उन्होंने भारत की इकोनॉमी को डेड इकोनॉमी तक बता दिया है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि ट्रंप का यह बयान कितना झूठा है और हकीकत क्या है।

कर्ज में डूबा हुआ है अमेरिका

अमेरिका दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल है जिसके पास उसकी जीडीपी से भी अधिक कर्जा है। आईएमएफ के अनुसार, यूएस के पास जीडीपी का 122.5 फीसदी कर्ज है। दुनिया में जिन देशों के पास जीडीपी से ज्यादा कर्ज है, उनमें अमेरिका के अलावा, यूक्रेन, बहरीन, बेल्जियम, भूटान, ग्रीस, मालदीव, सेनेगल, सिंगापुर, स्पेन, सुडान जैसे देश शामिल हैं। जबकि भारत के पास जीडीपी का 80.4 फीसदी कर्ज है।

6 महीने में दिवालिया हो चुकी 335 कंपनियां

पिछले छह महीने में अमेरिका में 371 बड़ी कंपनियां दिवालिया हो चुकी हैं। यह पिछले 15 साल का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले साल 2010 में साल की पहली छमाही में 468 कंपनियां दिवालिया हुई थीं। अमेरिका में पिछले साल कुल 688 बड़ी कंपनियों ने दिवालियापन के लिए अप्लाई किया था। यह 14 साल का सबसे बड़ा आंकड़ा था।

बिगड़ रही अमेरिका की आर्थिक स्थिति

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने बीते सोमवार को साल 2025 की तीसरी तिमाही के लिए 1.01 ट्रिलियन डॉलर के शुद्ध उधार का अनुमान लगाया था। यह अप्रैल में लगाए गए 554 बिलियन डॉलर के अनुमान से काफी अधिक है। यह अमेरिका की बिगड़ती आर्थिक स्थिति को दर्शाता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, इतना ज्यादा उधार आपूर्ति संकट का जोखिम पैदा करता है। इसके लॉन्ग टर्म में काफी बुरे परिणाम आ सकते हैं।

ग्रोथ रेट में हमसे काफी पीछे है अमेरिका

आईएमएफ ने हाल ही मे साल 2025 और 2026 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को बढ़ाकर 6.4 फीसदी किया है। जबकि 2025 और 2026 के लिए ग्लोबल ग्रोथ का अनुमान क्रमश: 3 फीसदी और 3.1 फीसदी है। बात अमेरिका की करें, तो आईएम का अनुमान है कि यह साल 2025 में 1.9 फीसदी और साल 2026 में 2 फीसदी की दर से ग्रोथ करेगा।

अमेरिका की तुलना में दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहा भारत

भारत अमेरिका की तुलना में दोगुनी से ज्यादा रफ्तार के साथ ग्रोथ कर रहा है। ट्रंप इतने झल्ला गए हैं कि आकंड़ों को देखकर भी झूठ बोल रहे हैं। यहां तक कि प्रमुख देशों में भारत की ग्रोथ रेट सबसे अधिक है। अमेरिका की इकोनॉमी साल 2015 में 18.2 ट्रिलियन डॉलर की थी। यह 10 साल में बढ़कर 30.51 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंची है। वहीं, भारत की इकोनॉमी साल 2015 में 2.10 ट्रिलियन डालर की थी। यह अब दोगुनी से ज्यादा बढ़कर 4.27 ट्रिलियन डॉलर की हो गई है।

दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी है भारत

डोनाल्ड ट्रंप शायद भूल गए हैं कि भारत कोई डेड इकोनॉमी नहीं, बल्कि दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत की जीडीपी ने हाल ही में जापान को पीछे छोड़ा है। भारत से ऊपर सिर्फ अमेरिका, चीन और जर्मनी ही है। भारत जल्द ही जर्मनी को भी पीछे छोड़ने वाला है। जर्मनी की जीडीपी भारत से थोड़ी ही अधिक 4.74 ट्रिलियन डॉलर की है।