Independence day 2025: भारत और पाकिस्तान साथ साथ आजाद हुए, लेकिन आज दोनों देशों के हालात जुदा हैं, भारत में मजबूत लोकतंत्र है, लेकिन पाकिस्तान में इन दिनों जबरदस्त सियासी तूफान मचा हुआ है। एक ओर जहां पीटीआई ने इमरान खान को रिहा करवाने का आंदोलन जबरदस्त छेड़ा है। भारत के स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त (India independence day) से एक दिन पहले पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस (Independence day 2025) पर यह आंदोलन और अधिक होगा। वहीं शहबाज सरकार (Shehbaz Government ) पीटीआई के सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इधर इससे पहले अदियाला जेल में बंद इमरान खान ( Imran Khan) यह कहते रहे हैं कि उनकी सरकार गिराने में अमेरिका का हाथ है। पाकिस्तान और दुनिया के मीडिया में पिछले दिनों यह बात सुर्खियों (Asim munir) में थी कि मुनीर को सत्ता सौंपी जा सकती है। इस तरह पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस उसके लिए एक टर्निंग पॉइंट है। अमेरिका इन सब हालात पर नजर रखे हुए है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी, जो पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी है, अब पूरी ताकत से उनकी रिहाई की मांग कर रही है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीटीआई देशव्यापी प्रदर्शन करने की योजना बना चुकी है। इससे पहले ही शहबाज शरीफ की सरकार ने पीटीआई के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है, जिससे देश में राजनीतिक तनाव और बढ़ गया है। ये सब हालात शहबाज शरीफ के लिए मुश्किलें पैदा करने वाले हैं।
पीटीआई प्रमुख इमरान खान लगातार यह आरोप लगाते आए हैं कि उनकी सरकार को गिराने में अमेरिका की अहम भूमिका थी। वे कहते हैं कि वाशिंगटन को उनकी स्वतंत्र विदेश नीति रास नहीं आई और इसलिए पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन कराया गया। अब जब उनकी पार्टी फिर से उभरने की कोशिश कर रही है, अमेरिका की निगाहें इस पूरे घटनाक्रम पर बनी हुई हैं।
ध्यान रहे कि अमेरिका पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को महत्व दे रहा है, संभव है कि वह पाकिस्तान में नई सरकार बनाने की दिशा में अंदरूनी तौर पर कुछ कर रहा हो, क्योंकि मुनीर बिना घोषणा के चुपके से अमेरिका गए हैं और वे बार बार यूएस जा रहे हैं। पूर्व में ट्रंप मुनीर को व्हाइट हाउस में डिनर पर बुला चुके हैं। एक अहम बात यह है कि डोनाल्ड ट्रंप आसिफ अली जरदारी और शहबाज शरीफ के बजाय आसिम मुनीर को अधिक महत्व दे रहे हैं। यानि ट्रंप देश के अहम पदों पर आसीन नेताओं को तो भाव ही नहीं दे रहे हैं।
इन सबके बीच पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल आसिम मुनीर की लगातार और गोपनीय अमेरिका यात्राएं सवाल खड़े कर रही हैं। वह बिना औपचारिक घोषणा के अमेरिका जाते हैं और वहां शीर्ष सैन्य व राजनीतिक नेताओं से मुलाकात करते हैं। यह संभावना जताई जा रही है कि अमेरिका, शहबाज शरीफ या आसिफ अली जरदारी के बजाय मुनीर को अगला सत्ता केंद्र मान रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह तक कहा गया कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने मुनीर को डिनर पर भी आमंत्रित किया था , जो अपने आप में एक बड़ा संकेत है। अगर स्वतंत्रता दिवस के आसपास हालात और बिगड़े, तो पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन या सीधी फौजी दखल जैसी स्थिति भी सामने आ सकती है।
पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जहां एक ओर देशभर में झंडा फहराया जाएगा, वहीं दूसरी ओर यह दिन राजनीतिक मोड़ का प्रतीक भी बन सकता है। अमेरिका के बढ़ते प्रभाव, सेना की गहरी भूमिका और इमरान समर्थकों के आंदोलन से देश में अस्थिरता और सत्ता संघर्ष की नई कहानी शुरू हो सकती है।
पाकिस्तान में फिलहाल सत्ता का असली नियंत्रण कहां है,यह सवाल सबसे बड़ा बन गया है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तो साइडलाइन पर दिख रहे हैं, जबकि सेना प्रमुख जनरल मुनीर को अमेरिका का प्रत्यक्ष समर्थन मिल रहा है।
बहरहाल पाकिस्तान इस साल अपने स्वतंत्रता दिवस (14 अगस्त) पर सिर्फ झंडा नहीं फहराएगा, बल्कि सियासत की एक बड़ी हलचल भी देखने को मिल सकती है। देश के अंदर विरोध प्रदर्शन, सेना की भूमिका, अमेरिका से बढ़ती नज़दीकियां और इमरान खान की रिहाई जैसे कई मुद्दे एक बड़े राजनीतिक संग्राम की तरफ इशारा कर रहे हैं।
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Updated on:
10 Aug 2025 08:05 pm
Published on:
10 Aug 2025 08:02 pm